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तेजस्वी का बिहार की जनता के नाम इमोशनल लेटर, दिल थोड़ा भारी है लेकिन लड़ाई जारी है

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तेजस्वी का बिहार की जनता के नाम इमोशनल लेटर, दिल थोड़ा भारी है लेकिन लड़ाई जारी है

सिटी पोस्ट लाइवः अक्सर अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमलावर रहने वाले तेजस्वी यादव आज थोड़े नरम थे। राजनीतिक विरोधियों पर हमले की जगह उन्होंने आज बिहार की जनता के नाम एक इमोशनल लेटर लिखा है। हांलाकि इस पत्र में भी उन्होंने अपने राजनीतिक दुश्मनों पर कई आरोप लगाये हैं और उन पर निशाना साधा है। स्वी यादव ने लेटर के जरिए केंद्र सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि यह पहला चुनाव है जब मेरे पिता को साजिशन चुनाव प्रचार से दूर किया गया है. साम्प्रदायिक ताकतों से उनकी लड़ाई अभी भी जारी है हाँ वो शारीरिक रूप से साथ नहीं इसलिए दिल थोड़ा सा भारी है. तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में लिखा है…

आज जब देश में छठे चरण का चुनाव हो रहा है. मैं हर एक बिहारवासी को दिल से धन्यवाद करना चाहता हूँ. मैं आपका धन्यवाद इसलिए भी करना चाहता हूँ कि आपने इस चुनाव में मेरी हिम्मत, हौसले और जुनून को बनाए रखा है ठीक वैसे ही जैसे मेरे पिता के लिए करते हैं. आपकी पहनाई एक-एक माला, आपकी ओजस्वी आवाज में लगा एक-एक नारा, अन्याय के अन्धेरे को जड़ से मिटाने का३ लालटेन जलाने का आपका प्रण३ मुझपर ऋण है.एक नया बिहार बनाने में आपने जो बढ़-चढ़ कर मेरा साथ दिया है उससे मुझे भी शक्ति मिली है कि अपनी हर एक सांस को बिहार की सेवा के लिए समर्पित करूं. हर उस इंसान के दुख दर्द को दूर करूं जो नीतीश-मोदी राज के नकारेपन का शिकार हुआ है.वो नियोजित शिक्षक जिनकी परवाह नीतीश चाचा को नहीं है. वो पीड़ित बच्चियां जिनके साथ घिनौने जुर्म और ज्यादतियों का अन्तहीन सिलसिला रहा. वो व्यापारी जो आए दिन रंगदारी, लूट डकैती से परेशान हैं, जीएसटी, नोटबंदी की मार से बेहाल है. वो दलित, पिछड़े और वंचित लोग जिनके आरक्षण को खत्म करने की साजिशें की जा रहीं है.

वो हाशिए पर डाल दिए गए इंसान जो लगभग 14 साल के नीतीश चाचा के शासन के बाद भी ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का नारा लगाने को मजबूर है. वो घर चलाने वाली हमारी माताएं बहनें जिन्हें रसोई गैस और राशन मंहगा होने से घर चलाने में दिक्कत आ रही है.वो छात्र, शिक्षा व्यवस्था में फैला भ्रष्टाचार जिनकी योग्यता का मखौल उड़ा रहा है. वो बहन, बेटियां जिन पर घर में घुसकर एसिड अटैक हो रहा है. वो अल्पसंख्यक भाई जिनके खिलाफ नीतीश मोदी सरकार के मंत्री खुलेआम नफरत फैलाने वाले भाषण दे रहें है. वो प्रशासन के ईमानदार अधिकारी जिन्हें अपना फर्ज निभाने पर मोदी-नीतीश के मंत्रियों द्वारा गाली मिल रहीं है. वो मतदाता जिसका वोट पहले धोखे से छीना गया और अब चुनावों में धोखे से भाजपा और जदयू के पक्ष में डलवाने की असफल कोशिश हो रही है.

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