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महागठबंधन में पक रही है नयी खिचड़ी, खतरे को भांप कर लालू ने लिखी थी चिट्ठी

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार का राजनीतिक घटनाक्रम दिलचस्प मोड़ ले चुका है। कोरोना संकट के बीच में बिहार में चुनाव की सुगबुगाहट जैसे हीं शुरू हुई वैसे हीं बिहार में महागठबंधन का झगड़ा भी सामने आ गया। पहले तेजस्वी और मांझी भिड़े बाद में कांग्रेस ने भी सीटों की डिमांड रख दी। कांग्रेस ने क्लियर कर दिया है कि इस बार ज्यादा सीटें चाहिए। उधर उपेन्द्र कुशवाहा दिल्ली की दौड़ लगा चुके हैं हांलाकि अहमद पटेल और सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हुई। अब सूत्रों के हवाले से बिहार में एक नये सियासी खेल का खुलासा हुआ है। आरजेडी से नाराज सहयोगियों ने खिचड़ी पकानी शुरू कर दी है।

दरअसल कल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की एक चिट्ठी सामने आयी जिसमें उन्होंने तेजस्वी यादव की खूब तारीफ की। जो इस चिट्ठी की पृष्ठभूमि नहीं समझ पाए उन्होंने बस यही समझा कि जन्मदिन के बाद लालू भावुक हैं और चुनाव से पहले एक इमोशनल लेटर सोशल मीडिया पर उन्होंने पोस्ट कर दिया है। लेकिन लालू लालू हैं। राजनीति के माहिर खिलाड़ी और चुनाव मैनेजमेंट के गुरू। लालू यह भांप गये कि विरोधियों से ज्यादा सहयोगी तेजस्वी को कम करके आंक रहे हैं, तेजस्वी की क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं और उनके नेतृत्व को खारिज कर तेजस्वी के सीएम बनने की राह मुश्किल कर रहे है इसलिए लालू ने यह चिट्ठी लिख दी है। इधर तेजस्वी से नाराज चल रहे महागठबंधन के दूसरे नेता और कांग्रेस एक नयी खिचड़ी पकाने में लगी है।

उपेक्षा से नाराज महागठबंधन के नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं और इस बात की स्क्रिप्ट तैयार करने में लगे हैं कि विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का नेतृत्व आरजेडी की जगह कांग्रेस के हाथों में हो। दिल्ली की दौड़ लगाने वाले महागठबंधन के एक बड़े नेता तो कांग्रेस नेताओं के लगातार संपर्क में हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस भी इन नाराज नेताओं की नाराजगी को भुनाना चाहती है। कांग्रेस के अंदर से यह मांग लगातार उठती रही है कि अब आरजेडी का पिछलग्गू नहीं बनना है इसलिए कांग्रेस भी इन सहयोगियों को साथ रखकर महागठबध्ंान का नेतृत्व अपने हाथ में लेना चाहती है।

सूत्र बताते हैं कि तैयारी कुछ दलों के विलय की भी है और जो विलय के लिए तैयार नहीं होंगे उनके प्रत्याशी भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। जन अधिकार पार्टी का भी कांग्रेस में विलय हो सकता है ऐसी खबर है। शरद यादव, उपेन्द्र कुशवाहा और कांग्रेस के कुछ बड़े नेता इस पूरी प्लानिंग के अहम किरदार हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस की प्लानिंग यह है कि एक बड़े कुनबे को साथ लेकर न सिर्फ आरजेडी के पिछलग्गु बने रहने की मजबूरी से बाहर निकला जाए बल्कि पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव में उतरा जाए।

दूसरे सहयोगियों की तरह कांग्रेस भी नहीं चाहती कि तेजस्वी को सीएम फेस मानकर चुनाव में उतरा जाए इसलिए सीएम फेस को लेकर भी फार्मूला तकरीबन सेट है। किसी दलित चेहरे को सीएम फेस बनाकर चुनाव में उतरने की तैयारी है। सूत्र बताते हैं कि इस लिस्ट में मीरा कुमार का नाम सबसे उपर है। कांग्रेस की तैयारी है कि विधानसभा की आधी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारें जाएं। जाहिर है बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर होता हुआ दिख रहा है। नया राजनीतिक समीकरण आकार लेता हुआ दिख रहा है और बहुत जल्दी पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी।

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