नपने लगे हैं योजनाओं में गड़बड़ी करने वाले मुखिया, भ्रष्टाचार के आरोप में दस की गयी मुखियागिरी
सिटी पोस्ट लाइवः सीएम नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना में गड़बड़ी करने वाले मुखिया नपने लगे हैं। सरकारी योजनाओं में घपले-घोटाले करने वाले मुखिया का चुनाव लड़ना भी मुश्किल होगा। पंचायती राज विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। बिहार के 10 मुखिया को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। सभी की मुखियागिरी तो गई हीं अब अगले पांच सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकते।
नवादा के अकबरपुर प्रखंड के राजमहल पंचायत मुखिया सहिमा खातून. नासरीगंज प्रखंड के ओडो पंचायत मुखिया मिंता देवी.नरहट के नरहट पंचायत की मुखिया उर्मिला देवी. नादरगंज प्रखंड के हंडिया पंचायत मुखिया प्रमोद कुमार.नादरगंज के कहुआरा पंचायत के मुखिया राकेश कुमार. शेखपुरा के चेवड़ा प्रखंड के ग्राम पंचायत मुखिया पिंकू कुमार.कैमूर के चांद प्रखंड के लोहदन पंचायत की मुखिया हीरावती देवी.बांका जिला के शंभुगंज प्रखंड के चुटिया बेलारी मुखिया बीबी फरजिना बेगम. औरंगाबाद के देव् प्रखंड एकरौरा पंचायत मुखिया प्रमोद प्रसाद चैरसिया।
इसके अलावे नालंदा के राजगीर प्रखंड के गोरौर ग्राम पंचायत मुखिया संतोष कुमार दिवाकर को पदच्युत किया गया है। पंचायती राज विभाग ने सीएम नीतीश के गृह जिला नालंदा के गोरौर पंचायत के मुखिया संतोष कुमार दिवाकर को पद से हटा दिया है।साथ हीं उन्हें पांच साल के लिए चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दिया है।पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने यह कार्रवाई की है।अपने आदेश में प्रधान सचिव ने बताया है कि बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा18-5 के प्रावदानों के अधीन मुखिया संतोष कुमार दिवाकर को पद से हटाया गया है।
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