सरकार और सिस्टम ने की है पटना की असली मदद, पप्पू यादव तो बस टाइम पास कर रहे हैं
सिटी पोस्ट लाइवः राजेन्द्र नगर, सैदपुर और आफत में फंसे तमाम इलाके के लोगों को यह समझन जरूरी है। पप्पू यादव ने आपकी मदद नहीं की है। असल मदद तो सरकार और सिस्टम ने की है। पप्पू यादव तो चुनाव हार चुके हैं उनकी व्यस्तता थोड़ी कम है इसलिए टाइम पास करने चले आए। सरकार और सिस्टम ने अपना जो चेहरा आपको दिखाया है सोचिए आपको इससे बड़ी आपदा झेलने में कितनी मदद मिलेगी। वैसे भगवान न करें कभी कहीं कोई आपदा आए। लेकिन चलिए अच्छा हुआ है न अब आप सरकार और सिस्टम के भरोसे नहीं रहेंगे। काहे रहेंगे भईया सरकार और सिस्टम अब होता कहां है। कभी सुना है किसी राज्य के डिप्टी सीएम को ऐसे फंसे हुए। कभी सुना है आफत में किसी सरकार और उसके मुखिया को हथिया नक्षत्र का रोना रोते हुए। अरे छोड़िए जनाब आप तो यह भी नहीं बता पाएंगे अमेरिका और मुंबई में हथिया नक्षत्र होता है कि नहीं। कभी देखें हैं अपने सीएम साहब को इतना नाराज होते हुए।
एतने बरियार है आपका जनरल नाॅलेज त बताईए ऐसा कोई शहर जहां प्राकृतिक आपदा आयी हो जिसस शहर का सिर्फ एक हिस्सा प्रभावित हुआ हो। छोड़िए पूछने लगेंगे तो सच्चो पप्पू बन जाईएगा। देखें हैं जी किसी राज्य के डिप्टी सीएम को सड़क पर हाफ पैंट पहने हुए। परीक्षा का सवाल होता तो जीरो आता जीरो काहे कि आप तो इ भी नहीं बता पाएंगे कि बच्चे गुल्लक तोड़कर पप्पू यादव को पैसा दे रहे हैं कहां देखे हैं पहले अईसा बता दीजिए। आप लोग जनरल नाॅलेज के इतना आसान आसान सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं। घंटा कुछो आता है आपलोगों को। अरे इतना बड़ा दुनिया है कहीं का तो नाम बताईए कि ईट्स हैप्पनस वनली इन बिहार वाला मामला है जी। महकल पानी में आग दहकल देखे हैं कहीं उहो पटने में हुआ है। महाराज सरकार को दोष देते हैं सीएम साहब का संकेत समझिए सरकार और सिस्टम ने नहीं हथिया नक्षत्र ने आपको डुबाया है।
महाराज सब गलती आपलोगों का है खाली पंडित जी के भरोसे रहते हैं पतरा उतरा घर में काहे नहीं रखते हैं। अब से रखिएगा जईसे आग से बचने के लिए बड़ा बड़ा बिल्डिंग में सिलेंडर होता है अउसहीं आपदा से बचने के लिए पतरा रखिएगा आ जईसहीं हथिया नक्षत्र आने वाला हो अउसहिं घर दुआर छोड़ के भाग जाईएगा न तो इतना योजना है सरकार के नाव लोन पर ले लीजिएगा। एगो तो सरकार और सिस्टम का कभी नकाब उतरता नहीं है आउर उतर गया है त आपलोग आउ उनको दोष दे रहे हैं। काहे भईया उनसे कुछ होगा नहीं तो काहे उनके पीछे पड़े हैं।
पप्पू यादव को खदेरिए। खुब पैसा है उनके पास और समय भी है। चुनाव हार गये हैं अब करेंगे क्या ऐही सब न करेंगे। सरकारों से ज्यादा पैसा है उनके पास तबे तो खजाना खोले हुए हैं महाराज लेकिन सबसे मत कहिएगा पीछे पड़ जाएंगा सब जांच वाच होने लगेगा। बुड़बके न है जी चुनाव लड़ते हैं मधेपुरा से, हार भी गये हैं तईयो लगे हुए हैं बेचारे। देखिए ने डिप्टी सीएम साहब के घरे भी पहुंच गये खाना पानी लेकर। इ कोई मदद थोड़े हुआ कि ट्रैक्टर पर चढ़कर आप खाना पानी पहुंचा रहे हैं। महाराज कोई बैठक नहीं किए। हवाई सर्वेक्षण भी नहीं किये पप्पू यादव, किसी को कोई निर्देश आदेश भी देते नहीं देखे गये। त खाक मदद किये भईया। मुरेठा बांध के ट्रैक्टर पर घूम रहे हैं चकाचका कुर्ता पायजामा दिख नहीं रहा है काहे के नेता हैं भईया। ई सिविल ड्रेस वाला नेता और बिना हवाई सर्वेक्षण और मीटिंग वाला मदद आपको कितना पसंद है आप बताईगा जरूर।
(यह विशुद्ध व्यंग्य है, किसी को आहत करना इसका मकसद नहीं है, इसे व्यंग्य की तरह हीं लिया जाना चाहिए)
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