सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मानव संसाधन विकास मंत्री जगरनाथ महतो ने सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले को ही राज्य में सरकारी नौकरी देने की वकालत की है। शिक्षामंत्री के इस बयान का सरकार में शामिल सहयोगी दल के मंत्री ने ही विरोध किया और इसे संविधान विरोधी करार दिया है। वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी ने इस बयान को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि राज्य सरकार कठोर निर्णय लेने पर विचार कर रही है, इसके तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ही सरकारी नौकरी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस विषय पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लोग निजी विद्यालयों में अपने बच्चों को पढ़ाते हैं और नौकरी सरकारी खोजते हैं , ऐसे में यह कैसे संभव है। उन्होंने कहा कि मंत्री से लेकर अधिकारी सभी के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे, तभी सरकारी स्कूल की व्यवस्था में कुछ सुधार हो सकता है।
इधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह राज्य के वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने शिक्षामंत्री के इस बयान पर असहमति जताते हुए कहा कि ऐसा करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान किसी के साथ भेदभाव की इजाजत नहीं देता है,ऐसे में यह कैसे संभव होगा कि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सरकारी नौकरी से वंचित कर दिया जाए, यह संविधानसम्मत नहीं होगा। बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने शिक्षामंत्री के इस बयान को मजाक करार देते हुए कहा कि यदि सरकार सचमुच ही गंभीर है, तो राज्य में संचालित सभी निजी स्कूलों के संचालन पर रोक लगा कर दें। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल चलेंगे और फिर वहां पढ़ने वाले बच्चों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, यह संभव नहीं है।
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