City Post Live
NEWS 24x7

साधू के वेश में अपने मित्र मंडली के साथ मथुरा पहुंचे हैं तेजप्रताप यादव

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

साधू के वेश में अपने मित्र मंडली के साथ मथुरा पहुंचे हैं तेजप्रताप यादव

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव चारा घोटाले में सजायाफ्ता अपने पिता लालू यादव की सलामती के लिए मंदिर –मंदिर घूम कर दुवा मांग रहे हैं. भगवान कृष्ण के भक्त तेजप्रताप यादव अक्सर अपने परिवार की सलामती की दुआ मांगने करीं के दरबार मथुरा पहुँचते हैं. एकबार फिर वो यहाँ करीं के दरबार में अपने पिता के स्वास्थ्य की कामना को लेकर पहुंचे हैं. साधू के वेशभूषा धोती-कुर्ता, तुलसी की कंठी माल धारण किये अपने मित्र मंडली के साथ पहुंचे तेजप्रताप यादव मथुरा में आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं. उनकी मित्र मंडली भी उनकी तरह साधू के वेश भूषा में है.

तेज प्रताप का कहना है कि वह भगवान कृष्ण के वंशज हैं. यहां पिछले 15 वर्ष से श्रीवृन्दावनी फाउंडेशन बनाकर भगवान श्रीराधाकृष्ण की लीलास्थलियों के संरक्षण और विकास कार्यों में जुटे हैं. रमेश बाबा के साथ ब्रम्हांचल पर्वत के संरक्षण में भी उन्होंने सहयोग दिया था. धर्म-कर्म के साथ साथ तेजप्रताप राजनीति भी करने का कोई मौका नहीं गंवाते. तेजप्रताप ने मथुरा में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने गरीबों को पूरी तरह नकार कर सिर्फ उद्योगपतियों को सिर पर बिठाया है. 2019 में देशभर से बीजेपी इसबार सफाया हो जाएगा. उन्होंने कहा कि माल्या जैसे उद्योगपतियों को प्रधानमंत्री मोदी का संरक्षण मिला हुआ है. उन्हें पकड़कर वापस लाना चाहिए, जो गरीबों का पैसा लेकर फरार हैं. देश में कहीं भी महिलायें  सुरिक्षत नहीं हैं. बिहार में तो राक्षस राज है. उसी राक्षस राज को समाप्त करने के लिए वो भगवन कृष्ण के दरबार में गुहार लगाने आये हुए हैं.

एक तरफ तेजप्रताप मोदी सरकार पर हमला कर रहे हैं तो दूसरी तरफ अपने पिता की उपलब्धियां भी बता रहे हैं. उन्होंने  कहा कि उनके पिता जब रेलमंत्री थे, तब रेलवे को जमीनी स्तर से जोड़ने के लिए कुल्हड़ों, खादी के पर्दे आदि के सफल प्रयोग कर मुनाफा कमाया था . कुलियों के लिए बहुत काम किया था.. अब रेलवे के हालात और कुलियों की दशा बदतर है. उन्होंने कहा कि उनके पिता लालू यादव जब रेलमंत्री थे, तब पहली बार उनका ब्रज आना हुआ. उसके बाद ब्रज के प्रति उनका प्रेम बढ़ता गया. वह चुपचाप अपने चुनिंदा साथियों के साथ आते हैं और वृंदावन के अग्रसेन भवन में रुकते हैं. यहां से अलसुबह ही बरसाना निकल जाते हैं.

 भगवान कृष्ण के दीवाने हो चुके तेजप्रताप यादव बीते एक वर्ष में दर्जनभर से अधिक बार कान्हा की भूमि मथुरा पर आ चुके हैं. कृष्णा का रूप धारण किये बांसुरी बजाते उनकी तस्वीरें अक्सर सोशल मीडिया में वायरल होती रहती हैं.तेजप्रताप यादव ने कहा कि अपनी श्री वृंदावनी फाउंडेशन से ब्रज को संरक्षित करने का इरादा वो बना चुके हैं.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.