“ संघीयों.., अफवाह फैलाने की कोशिश मत करो और कान खोलकर सुन लो “तेजस्वी मेरे कलेजे का टुकड़ा है”….गौरतलब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने कुछ घंटे पहले ट्वीट किया था –“मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं। अब कुछेक “चुग्लों” को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं, राधे राधे.
सिटी पोस्ट लाईव : लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप अपने छोटे भाई आरजेडी के युवराज से इसलिए नाराज हो गए थे. क्योंकि उन्होंने उनसे बात नहीं की. सूत्रों के अनुसार तेजप्रताप मुंबई से फोन पर तेजस्वी से बात करना चाहते थे लेकिन तेजस्वी के चेलों ने ये कह कर बात कराने से मन कर दिया था कि साहब अभी सो रहे हैं. तेजस्वी पांच बार तेजस्वी को फोन लगा कर जब थक गए तो छोटे भाई को सबक सिखाने की ठान ली. पटना पहुँचने के बाद भी जब उनके चहेतों को पार्टी में महत्वपूर्ण जगह देने से प्रदेश अध्यक्ष ने आनाकानी शुरू कर दी और तेजस्वी ने उनकी मांग को नजर-अंदाज कर दी ,तब उनका माथा ठनका. उन्होंने तुरत अपने चेलों को बुलाया और कर दिया ट्विट. तेजप्रताप के ट्विट ने तेजस्वी की नींद उड़ा दी. मामला लालू यादव के पास पहुंचा. लालू यादव की तरफ से जब आश्वासन मिला,उन्हें समझाया गया कि वो अब लालू की तरह किंग मेकर की भूमिका में हैं,तब जाकर तेज ने फिर से किया ट्विट -” अफवाह नहीं फैलाओ संघियों. तेजस्वी है मेरे कलेजे का टुकड़ा “.
अपने ट्विट को लेकर मचे बवाल के बाद लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप ने फिर से ट्विट कर सफाई दी है. उन्होंने ट्विट किया है – “ संघीयों.., अफवाह फैलाने की कोशिश मत करो और कान खोलकर सुन लो “तेजस्वी मेरे कलेजे का टुकड़ा है”….गौरतलब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने कुछ घंटे पहले ट्वीट किया था –“मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं। अब कुछेक “चुग्लों” को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं, राधे राधे.फिर मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपनी पार्टी नेताओं समेत अपने भाई तेजस्वी पर अपनी उपेक्षा किये जाने का आरोप लगा दिया था.उन्होंने पार्टी में असामाजिक तत्वों की भरमार और मेहनती कार्यकर्ताओं की उपेक्षा आरोप भी लगा दिया था .
तेजस्वी के इस ट्विट और मीडिया में दिए गए बयान को लेकर बिहार की राजनीति तो गरमाई थी ही साथ ही आरजेडी के अन्दर भी हडकंप मच गया था.लेकिन तुरत तेजप्रताप ने ट्विट कर ये सफाई दे दी कि दोनों भाइयों के बीच कोई कह्त्पत नहीं. उन्होंने तेजस्वी को अपना कलेजा बताते हुए कहा कि दोनों भाइयों को लड़ाने की संघी चाल सफल नहीं होगी. दरअसल अपने एक मनपसंद नेता को पार्टी में महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के लिए तेजप्रताप ने तेजस्वी को हुडकी दी थी.लालू यादव के हस्तक्षेप के बाद तेजप्रताप की सिफारिश मान ली गई और तेजप्रताप खुश हो गए.
पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि तेजस्वी पार्टी की बागडोर बखूबी संभाल रहे हैं. लेकिन तेजप्रताप में यादव लालू यादव की तस्वीर देखते हैं. लालू वाला देशी स्टाइल और ठेठ अंदाज के कारण तेजप्रताप यादव यादवों के सबसे पसंदीदा नेता हैं .वो सबकुछ लालू अंदाज में करते हैं. विपक्ष पर हमला करना हो या उनका मखौल उड़ाना तेजप्रताप लालू अंदाज में बखूबी से कर लेते हैं.
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