आरजेडी सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है.पार्टी के लिए जो कार्यकर्त्ता जीते मरते हैं उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है.वो दफ्तर के बाहर पार्टी अध्यक्ष से मिलने के लिए और घर पर लालू प्रसाद से मिलने के लिए दिन दिन भर इंतज़ार करते रहते हैं,लेकिन उनसे कोई नहीं मिलता .घर के बाहर इंतज़ार कर रहे कार्यकर्ताओं को लालू जी तक से मिलने नहीं दिया जा रहा .
सिटी पोस्ट लाईव :लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी को अपने जिगर का टुकड़ा जरुर बता रहे हैं .तेजस्वी को वो मुख्यमंत्री बनते भी देखना चाहते हैं.लेकिन जहाँ तक पार्टी की कमान की बात है उसके ऊपर वो अपना ही कमांड रखना चाहते हैं.उन्हें किंगमेकर की भूमिका पसंद तो है लेकिन नाम वाला किंग मेकर नहीं,असली किंगमेकर बनना चाहते हैं.यह तो तभी संभव है जब पार्टी की कमान उनके हाथ में रहे.उन्होंने तेजस्वी समेत पार्टी के तमाम नेताओं को सावधान करते हुए कहा कि पार्टी में उन्हें कोई नजर-अंदाज करने की भूल नहीं करे.उन्होंने रविवार को भी कहा कि पार्टी में कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है.पार्टी के लिए जो कार्यकर्त्ता जीते मरते हैं उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है.वो दफ्तर के बाहर पार्टी अध्यक्ष से मिलने के लिए और घर पर लालू प्रसाद से मिलने के लिए दिन दिन भर इंतज़ार करते रहते हैं,लेकिन उनसे कोई नहीं मिलता .घर के बाहर इंतज़ार कर रहे कार्यकर्ताओं को लालू जी तक से मिलने नहीं दिया जा रहा .तेजप्रताप ने कहा कि पहले भी पार्टी में छात्र आरजेडी को महत्त्व नहीं दिया जाता था.अब जब उन्होंने उसकी कमान संभाल ली,उसे आगे बढ़ा रहे हैं तो कुछ लोगों को यह सुहा नहीं रहा.
अपनी नाराजगी की असली वजह बताते हुए तेज प्रताप ने कहा कि एक दलित कार्यकर्त्ता जो दो मेरे साथ हमेशा लगा रहता है ,उसे मैंने जब पार्टी में महत्वपूर्ण जगह दिलानी चाही तो अध्यक्ष ने अनजर-अंदाज कर दिया.लालू जी ने खुद मेरे सामने प्रदेश अध्यक्ष से कहा कि उस लडके को पार्टी में जगह मिलनी चाहिए फिर भी प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ नहीं किया.आखिर प्रदेश अध्यक्ष किसके ईशारे पर लालू जी की बात भी नहीं मान रहे.उनका ईशारा तेजस्वी की तरफ है.उन्होंने कहा कि पार्टी के बड़े नेता जो चाहते हैं,उसे वो कभी पूरा नहीं होने देगें.मौका आने पर उनको एक्स्पोज कर देगें.
तेजस्वी से तेजप्रताप तो नाराज हैं ही साथ ही सबसे गुस्से में प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे से हैं.उन्हें लगता है कि पूर्वे लालू जी की बात को भी नजर-अंदाज कर रहे हैं.उनका ईशारा साफ़ था कि ये सब तेजस्वी के ईशारे पर हो रहा है.तेजप्रताप ने कहा कि उनकी लड़ाई भाई से नहीं बल्कि पार्टी में व्याप्त तानाशाही और कुछ नेताओं की मनमानी से है.तेजप्रताप ने यह साफ़ कर दिया कि वो तेजस्वी के खिलाफ तो मोर्चा नहीं खोलेगें लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं कि तेजप्रताप यादव के आदेश को पार्टी का कोई नेता नजर-अंदाज करेगा.
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