सिटी पोस्ट लाइव :तेजस्वी यादव बिहार विधान सभा चुनाव के पक्ष में भले नहीं हैं लेकिन उन्होंने सत्ताधारी दल के नाक में दम कर रखा है.हर दिन हर पल वो ट्वीट कर या फिर पार्टी दफ्तर पहुँच कर प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की घेराबंदी कर रहे हैं.अब अचानक तेजस्वी यादव ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर सबको हैरत में डाल दिया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने खुली चुनौती दी है है यहाँ तक दिया है कि वो राजनीति से संन्यास ले लेंगे.
तेजस्वी यादव ने सुशील कुमार मोदी पर ट्वीटर पर लिखते हुए कहा है कि सफ़ेद झूठ और गुमराह करना आपका व्यक्तित्व और ख़ानदानी संस्कृति रही है.लेकिन भगवान के लिए इस महामारी में फर्ज़ी दावा न करें. चुनौती है कि आप साबित करें 7 मार्च से 7 जुलाई तक अगर किसी भी दिन 9 हज़ार जांच हुई है तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा वरना आप ले लेंगे.दरअसल आज बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी घेरते हुए धड़ाधड़ पांच ट्वीट किया. जिसके बाद तेजस्वी यादव ने सुशील कुमार मोदी को खुली चुनौती दी है.
सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट पर कहा है कि विरोधी दल के नेता की समझ यह कि वे कोरोना संक्रमण के समय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की बात कर रहे हैं. दूसरी तरफ रोजाना 9 हजार से ज्यादा सैंपल की जांच भी करायी जा रही है. लोगों के ठीक होने की दर 78 फीसद हो चुकी है. पटना एम्स में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो रहा है. राजद को कोरोना से निपटने में सरकार की मुस्तैदी दिखाई नहीं पड़ती. जब अदालत लालू प्रसाद को जमानत न दे तो वे न्यायपालिका पर सवाल उठाते हैं और चुनाव हार जाएं तो ईवीएम को कोसते हैं. RJD को क्या बाबा साहेब अम्बेडकर के संविधान पर भरोसा नहीं है?
मोदी ने आगे लिखा है कि जब चुनाव आयोग कोरोना काल में सुरक्षित तरीके से मतदान कराने की तैयारी कर रहा है और बुजुर्गों के साथ-साथ संक्रमितों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था कर रहा है, तब RJD चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है. बिहार को सड़कमुक्त और विकासरहित रखने वाली लालटेन पार्टी को यदि लोगों को संक्रमण से बचाने की चिंता होती तो वह वर्चुअल संवाद के विरोध में थाली न पीटती.
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