अमित शाह-नीतीश कुमार की साझा चुनावी सभा पर तेजस्वी का अटैक, कहा-‘यह चाटुकारिता है’
सिटी पोस्ट लाइवः कल दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक साथ चुनावी सभा करते नजर आए। दिल्ली के बुराड़ी में जेडीयू उम्मीदवार के लिए अमित शाह और नीतीश कुमार ने चुनावी सभा की। नीतीश और अमित शाह के साझा चुनाव प्रचार को तेजस्वी यादव ने चाटुकारिता बता दिया है। उन्होंने फेसबुक पर लंबा चैड़ा पोस्ट लिखा है। तेजस्वी ने लिखा है कि-‘आदरणीय नीतीश कुमार जी कल दिल्ली में अपने महबूब नेता अमित शाह जी के साथ चुनावी मंच साझा कर रहे थे। मंच पर अपनी सारी राजनीतिक दुर्दशा, चालाकी और मजबूरी को ना चाहते हुए भी प्रदर्शित कर गए। मंच साझा करने का ऐसा उतावलापन कहे या चाटूकारिता का तकाजा कि उत्साह में वो अपने ही झूठ बोलने के सारे पुराने रिकॉर्ड खुद ही तोड़ गए और देश की राजधानी दिल्ली को बिहार से बदतर बताने में तनिक भर भी लज्जा महसूस नहीं कर रहे थे।
मुख्यमंत्री जी, यह बतायें कि आपके 15 वर्ष के कथित सुशासनी राज के बाद भी करोड़ों बिहारवासी पलायन क्यों कर रहे है? अगर आप दिल्ली में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को बिहार से भी बदहाल मानते है तो आपकी मनोस्थिति को भगवान ही बेहतर समझ सकते है।मुख्यमंत्री जी, बिहार में चमकी बुखार से 500 बच्चें मरे। गर्मी से हजारों लोग मरे। बाढ़ से मरने वालों की कोई गिनती ही नहीं। जलजमाव का सुशासनी जनाजा पूरे देश ने देखा था। सत्ता संरक्षण में आपके मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा 34 नाबालिग बच्चियों के साथ मुजफ्फरपुर में जो सामूहिक बलात्कार हुआ और उसपर सुप्रीम कोर्ट की आपकी सरकार पर जो टिप्पणियाँ थी वो किसी भी सभ्य इंसान को सोने नहीं देगी। बिहार की सड़कों को लेकर माननीय पटना भ्पहीबवनतज के चीफ जस्टिस की टिप्पणी आप भूल गए क्या?
15 साल में बिहार की शिक्षा को किस गर्त में आपने पहुँचा दिया है इसका तो स्वयं आपको भी अंदाजा नहीं है!दिल्ली जाकर ड़बल इंजन सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज, बाढ़ पीड़ितों की सहायता राशि और केंद्रीय मदों में बिहार का हक़ माँगने की बजाय आप संविधान बदलने व अपने ही नागरिकों से नागरिकता छिनने वालों को लोकप्रिय और महानायक बता रहे है। शायद अब आपमें स्वयं से भी सवाल-जवाब करने का आत्मबल नहीं रहा। सिद्धांत, विचार, नैतिकता और अंतरात्मा तो आपने जनादेश का सौदा करते समय ही बेच दी थी। माननीय मुख्यमंत्री जी, दिल्ली में यह तो बता देते आपने कितने कारख़ाने और कंपनियाँ बिहार में खुलवाई है? कितने युवाओं को रोजगार दिया है? कितनी चीनी मिल, राइस मिल, जूट मिल को बंद करवाया है?अपनी सरकार का 15 साल का तो हिसाब गिना नहीं सकते पर विपक्षी सरकारों का हिसाब माँगने दिल्ली तक पहुँच गए। इसे कहते है एक तो चोरी और ऊपर से सीनाजोरी।’
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