सिटी पोस्ट लाइव : कश्मीर में हुए आतंकी हमले में मारे गये बिहारी मजदूरों की लाश पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है.बिहार के लोगों पर लगातार आतंकियों द्वारा किए जा रहे हमले और हत्या के मामले में राजनीति शुरू हो गई है. तीन बिहारवासियों की हत्या (Kashmir Terrorist Attack) को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर निशाना साधते हुए उनके नाम खुला संदेश लिखा है. तेजस्वी ने इस पत्र में सरकार की नीतियों से लेकर रोजगार और पलायन तक के मुद्दे को उठाया है.
तेजस्वी ने लिखा है..माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, आशा है आपको ज्ञात हो चुका होगा कि आज फिर बिहार के दो श्रमिकों को जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया कल भी एक श्रमिक की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. इससे पहले एक और बिहारी मूल के श्रमिक की हत्या की जा चुकी है जिसकी मृत्यु की जानकारी भी आपको दो दिन बाद एक पत्रकार के इस विषय पर सवाल के द्वारा ही हुआ था. इन सभी बिहारवासियों की नृशंस हत्या के दोषी आप और आपकी निकम्मी सरकार है.
अगर आपकी सरकार ने पिछले 16 साल से किए जा रहे ‘सुशासन’ के दावे के अनुरूप सचमुच रोजगार सृजन पर गम्भीरता से कुछ भी किया होता तो इनकी भाँति करोड़ों बिहारवासियों को हरवर्ष पलायन के लिए विवश नहीं होना पड़ता. आप ही की सरकार की नाकामी के कारण ये सभी आतंकवाद की भेंट चढ़े युवक अपने घर से दूर एक आतंकवाद प्रभावित दूसरे राज्य में रोजगार की तलाश में पलायन करने को विवश हुए.
अपनी सरकार की नाकामी को छुपाने के लिए आप बड़ी बनावटी मासूमियत से प्रवासी मजदूर शब्द पर आपत्ति जताते हैं पर पलायन के ज़हर को गरीब बिहारवासियों के जीवन से मिटाने का कोई ईमानदार प्रयास नहीं करते, ऊपर से आपकी सरकार ने तो खूब दावा किया था कि धारा 370 हटने से आतंकवाद का घाटी से अंत हो जाएगा खूब उछल कूद कर आपकी पार्टी ने बिना सोचे समझे लिए गए इस कदम का देश के लिए ऐतिहासिक दिन बताकर समर्थन किया था.
जब सब कुछ इतना सामान्य हो चुका था तो क्यों आपकी सरकार में बैठे लोग दबी जुबान जम्मू कश्मीर जाकर रोजगार तलाशने के लिए श्रमिकों की ही आलोचना कर रहे हैं? सम्भव है कि आपकी सरकार के द्वारा ज़मीनी हकीकत से दूर किए गए दावों के प्रभाव में ही इन श्रमिकों ने जम्मू कश्मीर जाने का मन बनाया हो. इन राक्षसी हत्याओं के लिए परिस्थिति उत्पन्न करने और श्रमिकों को रोजी-रोटी के लिए घर से दूर बसने के लिए आपकी सरकार को पीड़ित परिवारों से ना सिर्फ़ हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए, बल्कि सभी परिवारों के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी और 1 करोड़ मुआवजे की घोषणा कर के अपने पापों को धोने का प्रयास करना चाहिए.
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