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तेजस्वी यादव सरकार पर बरसे, बोले- विधायकों का मान-सम्मान नहीं तो हमारा क्या मतलब

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि 23 मार्च काला दिन था, आज उसका विरोध हम लोग काला मास्क लगाकर कर रहे हैं। हम लोग जनता से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे हैं और आगे भी उठाते रहेंगे। लोकतंत्र के मंदिर में विधायकों को पुलिस द्वारा पिटवाया गया, जो गलत था। विधायकों का मान सम्मान नहीं रहेगा, विधायकों को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाएगा, तो क्या मतलब रह जायेगा।

बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया। यह सत्र 30 जुलाई तक चलेगा। सोमवार को शोक प्रस्ताव के बाद दोनों सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन पहले कहा कि बिहार में कानून का राज नहीं, पुलिस का राज है। हाईकोर्ट ने तो यहां तक कह दिया कि बिहार में माइंडलेस सरकार है। विरोधी दल के नेता होने के नाते हम चाहते थे कि विधायकों की पिटाई के मामले में प्रस्ताव रखे, उस पर चर्चा हो, लेकिन वह नहीं किया गया। विधानसभा अध्यक्ष से हमने दो प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति की मांग की है। उन्होंने मौखिक रूप से कहा है कि मौका दिया जाएगा।

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष के कई विधायक अलग ढंग से विरोध प्रदर्शन करते हुए विधानसभा पहुंचे। इनमें राजद के विधायक सतीश दास सिर पर हेलमेट लगाए और हाथों में झाल लेकर पहुंचे तो सबकी नज़रें उन पर टिक गईं। राजद विधायक ने कहा कि वह यह झाल सीएम नीतीश कुमार को सौंप देंगे। गौरतलब है कि पिछले बजट सत्र के दौरान विधायक सतीश दास पर भी हमला हुआ था।इस तरह विधायक मुकेश रौशन मेडिकल किट लेकर आज विधानसभा पहुंचे। विपक्ष के कई विधायकों ने आज काला मास्क लगा रखा था। उन्होंने बजट सत्र के दौरान विधायकों के साथ हुई मारपीट का मुद्दा उठाया।

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