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खेती और मवेशी पालन को बढ़ावा देना चाहते हैं तेजस्वी, JDU ने कहा-चारा खा गए अब किसानों…

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सिटी पोस्ट लाइव : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार नए नए मुद्दों को लेकर नीतीश सरकार की घेराबंदी में जुटे हैं. पहले गोपालगंज हत्याकांड को लेकर, फिर प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर और अब किसानों की समस्या को लेकर तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार की घेराबंदी की कोशिश शुरू कर दी है. तेजस्वी यादव ने बिहार में किसानों का क्या हाल है इसको लेकर पोस्ट लिखा है. उन्होंने लिखा हा-जब तक किसान खुशहाल नहीं होगा प्रदेश में समृद्धि नहीं आ सकती. विकास तब तक अधूरा है जब तक किसान समृद्ध नहीं है. देश में आज भी सर्वाधिक रोजगार कृषि क्षेत्र से ही मिलता है. इसलिए इस क्षेत्र को और प्रोत्साहन देने की जरूरत है. कृषि की समृद्धि के लिए हमें आधुनिक खेती अपनानी होगी.

किसानों की अनेक समस्याएं है. कृषि में लागत ज़्यादा और मुनाफ़ा है ही नहीं. किसान बेचारा इतनी मेहनत करता है कि अपनी मज़दूरी भी नहीं निकाल पाता. किसान जो खेत में पैदा करता है उसे उसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. सारी कमाई बिचौलिये खा जाते हैं. इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि किसानों का पैसा बिचौलिये न खायें. इसके लिए हर जगह, हर प्रखंड स्तर पर आवश्यकता के अनुसार कोल्ड स्टोरेज बनाने की आवश्यकता है. तभी किसान अपनी उपज को वहां रखेगा और उचित मूल्य मिलने के समय बेचने पर उसे ज्यादा पैसा मिलेगा.

जिस क्षेत्र में जिस फ़सल की पैदावार अधिक है वहाँ उससे संबंधित food processing Units लगायी जानी चाहिए. चावल और गन्ना के पैदावार वाले क्षेत्रों में चीनी मिल और राइस मिल लगानी चाहिए. बिहार में मखाना, मक्कई, केला, आम, लिची इत्यादि से संबंधित अनेक खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो की असीम संभावनाएँ है. लेकिन 15 वर्षीय नीतीश सरकार ने इस ओर कभी कोई ध्यान नहीं दिया. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने से किसानों की आय में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होगी. किसानों की जरूरत की जो चीजें हैं जैसे खाद, कीट-नाशक दवाएं, खेती का सामान औजार आदि महंगे होते जा रहे हैं. किसानों को बिजली, डीजल और मिट्टी का तेल महंगे दाम पर खरीदना पड़ता है. ये सब उन्हें सस्ती कीमत पर मिलनी चाहिए. किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य मिलना तो दूर रहा उसे अपना सामान कभी-कभी फेंकना पड़ता है. इसलिए किसान द्वारा उत्पादित हर माल का समर्थन मूल्य किसानों से राय-मशविरा करने के बाद ही सरकार द्वारा तय किया जाना चाहिए. किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन के लिए भी विशेष आर्थिक मदद देकर प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वह और अधिक आत्मनिर्भर बन सके.

तेजस्वी यादव आगे लिखते हैं-हम सभी जानते हैं कि देश में बड़े-बड़े लोगों पर अरबों-खरबों रुपए सरकार के कर्ज के रूप में बकाया हैं. उसे  वसूल करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जाती, बल्कि उनके लाखों-करोड़ के लोन माफ़ कर दिए जाते है. लेकिन अगर किसान खेती के लिए छोटा-मोटा कर्ज लेता है और यदि उसे समय पर नहीं चुका पाता है तो उसे जेल में डाल दिया जाता है. किसानों के साथ सरकार द्वारा ऐसा पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया जाना ठीक नहीं है.किसानों के लिए हमारे पास अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएँ है जिन्हें सरकार में आने पर हम हर हाल में लागू कर पूर्ण करेंगे. किसान समृद्ध होगा तभी बिहार समृद्ध होगा। आइये नए जमाने का नया बिहार बनाने हम सब एकजुट होकर लड़े.

नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव के इस पत्र पर प्रतिक्रिया दी है.जिसके पिता मवेशियों का चारा तक खा गाये वो किसानों की खुशहाली और मवेशी पालन को बढ़ावा देने की बात कर रहा है.मवेशियों का चारा खाकर उन्हें मौत की नींद सुला देने वाले लालू जी के बेटे की नजर अब किसानों की सम्पति पर है. सावधान बिहार, सावधान किसान.

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