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जातिगत जनगणना के मुद्दे पर तेजस्वी ने माँगा नीतीश कुमार से स्पष्टीकरण

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सिटी पोस्ट लाइव : जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के हलफनामे के बाद से ही बिहार की सियासत गरमाई हुई है. कास्ट सेंसस को लेकर फिर से बिहार की राजनीति गरमाई गई है. बिहार एनडीए के भीतर जहां भाजपा और जदयू के बीच बयानबाजी जारी है, वहीं मुख्य विपक्षी दल राजद के नेता तेजस्वी यादव ने सीधे-सीधे सीएम नीतीश कुमार को अल्टीमेटम दे दिया है. तेजस्वी ने कहा कि जातिगत जनगणना की लड़ाई हम जारी रखेंगे. तीन दिन का समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है. वह अपना स्टैंड तीन दिन में क्लीयर करें. इसके बाद हम लोग यह तय करेंगे कि इस लड़ाई को आगे कैसे लेकर चलना है?

शुक्रवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा,’ मैंने अखबार में देखा कि महाराष्ट्र की मांग पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वे जाति आधारित जनगणना की अनुमति नहीं देंगे’.तेजस्वी ने कहा, ‘बिहार विधानसभा ने भी जाति आधारित जनगणना के लिए दो प्रस्ताव पारित किए. लेकिन हम आशान्वित थे और इस संबंध में सीएम नीतीश कुमार के साथ पीएम से मिले थे. हम महागठबंधन की बैठक में इस पर चर्चा करेंगे. हमारे गठबंधन और समान विचारधारा वाले दलों को इस सिलसिले में पत्र लिखूंगा.’

जातिगत जनगणना की मांग विभिन्न राज्य सरकारें कर रही हैं, बिहार की सियासत में जातिगत जनगणना का मुद्दा लगातार चर्चा में है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस मुद्दे को बार-बार उठा रहे हैं. उनके दबाव के बाद ही बिहार के राजनीतिक दलों का एक डेलिगेशन बीते 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर देश में जातीय जनगणना करवाने की मांग कर चुका है. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सीएम नीतीश कुमार कर रहे थे और इसमें राजद के तेजस्वी यादव व भाजपा के नेता समेत 10 सियासी पार्टियों के 11 सदस्य शामिल थे.

गौरतलब है कि जातिगत जनगणना के लिए बिहार विधानसभा से दो बार प्रस्ताव भी पास किया जा चूका है.लेकिन केंद्र सरकार लोकसभा में साफ़ कर चुकी है कि सरकार इसको लेकर कोई विचार नहीं कर रही है. हालांकि, जब सीएम नीतीश कुमार ने इसको लेकर पीएम मोदी से 4 अगस्त को पत्र लिखा और बिहार के सियासी पार्टियों के मिलने का आग्रह किया तो पीएम ने बिहार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी. तब मीटिंग से बाहर आए नेताओं ने कहा था कि पीएम ने इस मामले पर विचार करने की बात कही है. पर अब केंद्र सरकार के दोबारा इनकार के बाद फिर से बिहार की सियासत गर्म हो गई है.

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