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तीन तलाक बिल पर आज राज्य सभा में बहस, AIADMK के रुख से कायम है खतरा

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तीन तलाक बिल पर आज राज्य सभा में बहस, AIADMK के रुख से कायम है खतरा

सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा में पास होने के बाद मुस्लिम महिला विधेयक, 2018 ‘तीन तलाक बिल’ आज राज्य सभा में आएगा. निचले सदने में सरकार के पास बहुमत होने के चलते यह विधेयक 245 मतों से तो पास हो गया लेकिन राज्य सभा से इसे पास कराना एक बड़ी चुनौती है. जिस तरह से विपक्षी दल कांग्रेस, एआईएडीएमके, समाजवादी पार्टी और डीएमके ने बिल को दोनों सदनों की साझा सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग करते हुए वॉक आउट कर दिया था, राज्य सभा में आकर इस बिल के फंस जाने की संभावना बढ़ गई है.

पिछली बार जब तीन तलाक बिल राज्यसभा में आया था तो इसे विस्तृत चर्चा के लिए सेलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया गया था. हालांकि, इस विधेयक का कांग्रेस ने समर्थन किया था. लेकिन उसकी मांग थी कि बिल में कुछ अहम संशोधन किए जाएं. विपक्ष की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ संशोधनों के साथ लोकसभा से बिल पास करा लिया. लेकिन अब भी कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर विपक्ष अड़ा हुआ है. जब यह विधेयक लोकसभा में आया तो कांग्रेस ने इसे असंवैधानिक बताते हुए वॉकआउट कर दिया. लेकिन सरकार की अक्सर संकट काल में साथ देनेवाली  एआईएडीएमके के वॉकआउट से बढ़ी है.

राज्य सभा में इस समय कुल सदस्यों की संख्या 244 है, जिसमें 4 सदस्य नामित हैं. वैसे, तो राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ताकत बढ़ी है. लेकिन वो इतनी नहीं हुई कि बिना विपक्ष के सहयोग से कोई बिल पास कराया जा सके. ताजा हालात देखें तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास 97 सदस्य हैं, जिसमें बीजेपी के 73, जेडीयू के 6, 5 निर्दलीय, शिवसेना के 3, अकाली दल के तीन, 3 नामित सदस्य, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1, नागा पीपल्स फ्रंट के 1, आरपीआई के 1 सांसद शामिल हैं.

जाहिर है विपक्ष का पलड़ा संख्याबल के मामले में सरकार पर भारी है. मौजूदा परिस्थिति में विपक्ष के पास 115 सांसद हैं, जिसमें कांग्रेस के 50, टीएमसी के 13, समाजवादी पार्टी के 13, टीडीपी के 6, आरजेडी के 5, सीपीएम के 5, डीएमके के 4, बीएसपी के 4, एनसीपी के 4, आम आदमी पार्टी के 3, सीपीआई के 2, जेडीएस के 1, केरल कांग्रेस (मनी) के 1, आईएनएलडी के 1, आईयूएमएल के 1, 1 निर्दलीय और 1 नामित सदस्य शामिल हैं.जाहिर है इस बिल के राज्य सभा में फेल हो जाने की संभावना बनी हुई है.

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