शिक्षक संघ की नीतीश सरकार को चेतावनी, शिक्षकों का अधिकार दीजिये नहीं तो………
सिटी पोस्ट लाइव : ढाई महीने से चल रही बिहार के नियोजित शिक्षकों की हड़ताल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप से फिर तो स्थगित हो गई और शिक्षक काम पर भी लग गए हैं.लेकिन शिक्षक संघ का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो कोरोना संकट से निकलने के बाद वो एकबार फिर से हड़ताल पर भी जा सकते हैं. बिहार शिक्षक संघ के सबसे बड़े नेता केदारनाथ पाण्डेय ने कहा कि परिस्थितियों की वजह से बीच में हड़ताल स्थगित करनी पडी. कोरोना के संकट को देखते हुए और मुख्यमंत्री और विधान सभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद जनता के हित में हड़ताल को स्थगित किया गया है.
गौरतलब है कि बिहार में नियोजित शिक्षकों की तादाद लाखों में है. उनसे कई लाख परिवार सीधे जुड़े हुए हैं.उनके साथ उनके हित जुड़े हुए हैं.ऐसे में नीतीश सरकार द्वारा नियोजित ये शिक्षक नीतीश सरकार के लिए ही बड़ी चुनौती चुनाव में बन सकते हैं. शिक्षक संघ के नेता केदारनाथ पाण्डेय ने कहा कि ये शिक्षक चुनाव में किसका साथ देगें ये तो आनेवाला समय बतायेगा लेकिन सरकार उनके बारे में क्या फैसला लेती है, उस पर सबकुछ इर्भर करेगा. जाहिर है नीतीश सरकार का समर्थन ईन शिक्षकों को तभी मिल पायेगा जब उन्हें लगेगा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर है.उसका निदान करना चाहती है.
एक तरह से केदारनाथ पाण्डेय ने गामी विधान सभा चुनाव को देखते हुए नीतीश सरकार को ईशारों ईशारों में धमकी भी दे डाली है.उन्होंने कहा कि सरकार को अगर बिहार के लाखों शिक्षकों और उनके परिवार का समर्थन चुनाव में चाहिए तो उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना होगा.
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