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215 जिले की 492 MPS के सांसद फंड योजनाओं की होगी जांच

MP फण्ड के कार्यो की केंद्र सरकार कराएगी थर्ड पार्टी सर्वे, बिहार के 15 जिलों में होगी थर्ड पार्टी जांच.

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215 जिले की 492 MPS के सांसद फंड योजनाओं की होगी जांच

सिटी पोस्ट लाइव : अब केंद्र सरकार ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि देश भर में सांसद योजना के तहत कितने काम हुए. जो काम हुए उसका  समाज पर कितना असर हुआ है. अनुसूचित जाति और जनजाति की कितनी आबादी को लाभ हुआ.सांसदों द्वारा चुनी गई योजनायें जनहित में सफल हैं या नहीं.सांसद फण्ड से जो काम हो रहा है क्या उसे किसी और योजना में विलय किया है सकता है या उसमें कुछ सुधार करने की गुंजाइश है?तमाम ऐसे सवालों का जबाब जानने के लिए केंद्र सरकार सांसद फण्ड के तहत किये गए कामों का थर्ड पार्टी सर्वे कराना चाहती है.

केंद्र सरकार के निर्देश पर  सांसद फण्ड से किये गए कामों के जांच को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. थर्ड पार्टी सर्वे के जरिये एमपी फंड से होने वाले कार्यों का जमीनी स्तर पर सत्यापन होगा. जांच के लिए हरेक राज्य में कुछ एक जिलों को नोडल के तौर पर चुना गया है.बिहार के 15 जिलों के 35 सांसदों की योजनाओं की जांच बाहरी एजेंसी करेगी.बाहरी एजेंसी से जांच कराने के लिए केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने राज्य सरकार को सूचना दी है. केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने कहा है कि देश के 472 जिलों में लोकसभा व राज्यसभा के सांसद अपने फंड का उपयोग करते हैं. इनमें से 215 जिले की 492 लोकसभा व राज्यसभा सांसदों की योजनाओं की जांच करने का निर्णय हुआ है.

जांच के लिए देश में 6 जोन नॉर्थ, साउथ ,ईस्ट ,वेस्ट, नॉर्थ ईस्ट और सेंट्रल जोन बनाए गए हैं.बिहार को ईस्ट जोन में रखा गया है.बिहार में लोकसभा के 40 एवं राज्यसभा के 16 सांसद हैं जो अभी 33 जिलों में सांसद फण्ड खर्च कर रहे हैं.थर्ड पार्टी सर्वे के लिए बिहार के 15 जिलों का चयन हुआ है. पटना में 8, पूर्वी चंपारण एवं समस्तीपुर के तीन-तीन, पश्चिम चंपारण, भागलपुर,बक्सर, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर ,रोहतास, कटिहार, मधुबनी व सारण के दो-दो अररिया औरंगाबाद बांका के 1 सांसदों की फंड की जांच होगी.

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