बिखरने लगा ‘कुशवाहा’ का कुनबा, दो विधायक एक विधान पार्षद जेडीयू में शामिल
सिटी पोस्ट लाइवः बिहार में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया है। लोकसभा चुनाव में बिहार में सिर्फ कांग्रेस को एक सीट मिली बाकी पार्टियों का खाता भी नहीं खुला। रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा उजियारपुर और काराकाट दोनों जगहों से हार गये। उनकी पार्टी के दूसरे प्रत्याशी भी नहीं जीत सके। ऐसे में उनके लिए अपना कुनबा बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी के दो विधायकों और एक विधानपार्षद ने उन्हें बड़ा झटका दिया है। आरएलएसपी के दो बागी विधायकों और एक विधानपार्षंद ने पार्टी का साथ छोड़ने के बाद आधिकारिक तौर पर जदयू का हाथ थाम लिया.
पार्टी के विधायकों सुधांशु शेखर, ललन पासवान और एमएलसी संजीव श्याम सिंह ने अपने गुट का विलय जेडीयू में करने संबंधी पत्र बिहार विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है. इन तीनों नेताओं ने उपेन्द्र कुशवाहा से अलग होकर त्स्ैच् पर दावा ठोका था. तीनों नेताओं ने चुनाव से ठीक पहले आरएलएसपी पर अपनी दावेदारी को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष अपील की थी जिसके बाद चुनाव आयोग ने अलग गुट की मान्यता दे दी थी.
रविवार को तीनों नेताओं ने अपने अलग गुट को जेडीयू में विलय संबंधी पत्र विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी को सौंपा है. जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने ललन पासवान की अगुवाई वाले बागी गुट को बिहार में राज्य स्तरीय दल की अंतरिम मान्यता दी थी साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी आदेश दिया था कि लोकसभा चुनाव में यह गुट अपने उम्मीदवार उतार सकेगा.
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