City Post Live
NEWS 24x7

महागठबंधन में घमशान, सोनिया गांधी 22 को करेगीं मांझी से बातचीत

सोनिया गांधी के विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग में मुकेश सहनी और कुशवाहा को नहीं मिला शामिल होने का न्यौता.

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना से जंग जारी है लेकिन फिर भी राजनीति थमी नहीं है.साथ साथ राजनीति भी चल रही है.बिहार में अगले चार महीने बाद ही विधान सभा चुनाव है, ऐसे में महागठबंधन को एकजुट करने में कांग्रेस पार्टी जुट गई है.एक दिन पहले ही पटना में महा-गठबंधन के तीन घटक दलों के नेता उपेन्द्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी बैठक कर चुके हैं. इस बैठक में कांग्रेस और आरजेडी के किसी नेता को नहीं बुलाया गया. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ज्यादा से ज्यादा सीटें लेने के लिए ये तीनों नेता एकजुट होने का लगातार संदेश दे रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार लोक सभा चुनाव के बाद से तेजस्वी यादव ईन तीनों नेताओं को भाव नहीं दे रहे हैं.पहले तो ईन तीन दलों के नेताओं ने कांग्रेस पार्टी को भी साथ लेकर तेजस्वी यादव पर दबाव बनाने की कोशिश की.लेकिन जब कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हुई तो ये तीनों नेता गोलबंद हो गए.ये लगातार कांग्रेस और आरजेडी को नजर-अंदाज कर बैठकें करते रहे हैं. अब खबर ये आ रही है कि सोनिया गांधी एकबार फिर से महागठबंधन की एकजुटता बनाने के लिए पहल कर रही हैं. सोनिया गांधी शुक्रवार को सोनिया गांधी  बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से बात करेगीं.

कांग्रेस और हम पार्टी के नेताओं का कहना है कि  देश की वर्तमान हालात पर चर्चा होगी. 22 मई को सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है. बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी. उक्त बैठक में अधिकांश विपक्षी दलों के नेता जुड़ेंगे.लेकिन सबसे कखास बात ये है कि अभीतक इस बैठक में भाग लेने की सूचना न तो मुकेश सहनी के पास आई है और ना ही उपेन्द्र कुशवाहा को कोई जानकारी है. यहीं सवाल सबके जेहन में उठ रहा है कि उपेन्द्र कुशवाहा और मुकेश सहनी को छोड़कर क्यों सोनिया गांधी चल रही हैं.क्या वो भी ईन दोनों नेताओं को छोड़कर महागठबंधन को आगे बढाने की सोंच रही हैं.अब हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने के बाद हीपता चल्पायेगा कि महागठबंधन का क्या स्वरूप होगा.लोक सभा चुनाव वाला ही स्वरूप रहेगा या फिर मुकेश सहनी और उपेन्द्र कुशवाहा माइनस महागठबंधन बनेगा.

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.