सन ऑफ़ मल्लाह मुकेश सहनी बिहार के राजनीतिक दलों के लिए सबसे बड़ा सरदर्द बनने वाला है.अपनी बिरादरी के राजनीतिक हक़ हुकुक के लिए कई सालों से आन्दोलन कर पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर यूपी बिहार के तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं की नींद उड़ा देनेवाले राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने मोदी और नीतीश सरकार पर वडा खिलाफी का आरोप लगाते हुए अब जंग-ऐ-एलान कर दिया है.
सिटी पोस्ट लाईव :सन ऑफ़ मल्लाह मुकेश सहनी बिहार के राजनीतिक दलों के लिए सबसे बड़ा सरदर्द बनने वाला है.अपनी बिरादरी के राजनीतिक हक़ हुकुक के लिए कई सालों से आन्दोलन कर पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर यूपी बिहार के तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं की नींद उड़ा देनेवाले सहनी विकास संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने अब जंग-ऐ-एलान कर दिया है.मुकेश सहनी ने कहा कि अब याचना नहीं रण होगा .बेगूसराय में शुक्रवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि निषाद समाज आगामी लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारने के लिए शक्ति प्रदर्शन करेगा.श्री सहनी ने कहा कि बंगाल, उड़ीसा एवं दिल्ली में निषाद जाति को आरक्षण प्राप्त है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हमारी मांगों को अनसुनी की जा रही है. ऐसे में 10 जून को बेगूसराय में 40 से 50 हजार युवक बाइक लेकर सड़क पर उतरेंगे और 35 किलोमीटर का जुलूस निकालेंगे.यह प्रदर्शन दुर्गा उच्च विद्यालय मेघौल से उलाव हवाई अड्डा तक किया जाएगा .लाखों यव बाइक रैली निकालकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगें .उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन कर नए पार्टी की घोषणा की जाएगी. एक प्रश्न के जवाब में श्री सहनी ने कहा कि बिहार में निषाद संघ को नीतीश कुमार, लालू प्रसाद एवं रामविलास पासवान से ज्यादा सीट लोकसभा चुनाव में चाहिए क्योंकि बिहार में मल्लाह की आबादी यादव, पासवान एवं कुशवाहा व कुर्मी से ज्यादा है.
सहनी ने पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार दोनों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने निषाद समाज से यह वादा किया था कि उनकी सरकार बनेगी तो उन्हें एससी-एसटी में शामिल किया जाएगा .लेकिन सरकार के चार साल पूरा होने के बावजूद अब तक उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है. जिला परिषद सदस्य सह जिला शिक्षा समिति के अध्यक्ष दुलारचन्द्र सहनी ने कहा कि हमेशा से निषाद समाज के साथ केन्द्र सरकार द्वारा का दोहरी नीति अपनाई जा रही है. हमारे समाज में लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन वसर करने वाले लोगों की संख्या 90 प्रतिशत से अधिक है. बावजूद निषाद समाज को आरक्षण से दूर रखा गया है. बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैद्यनाथ सहनी ने कहा कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा समेत अन्य राज्य में निषाद समाज को आरक्षण दिया जा रहा है फिर बिहार सरकार द्वारा बिहार में आरक्षण क्यों नही दिया जा रहा है ?
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