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शिवानंद तिवारी का सवाल-‘जेडीयू में इतने ताकतवर कैसे हो गये आरसीपी कि ‘पीके’ को भगाने लगे’

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शिवानंद तिवारी का सवाल-‘जेडीयू में इतने ताकतवर कैसे हो गये आरसीपी कि ‘पीके’ को भगाने लगे’

सिटी पोस्ट लाइवः जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर खुल कर सिटीजन अमेंडमेंट बिल को लेकर पार्टी के फैसले के विरोध में खड़े हैं। उनके बयानों से नाराज जेडीयू के कद्दावर नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि पार्टी ने सीएबी का समर्थन किया है जिसको इससे दिक्कत है वो जा सकता है। कल जब यह खबर आयी कि प्रशांत किशोर ने नीतीश से मुलाकात की और अपने इस्तीफे की पेशकश की लेकिन नीतीश ने मना कर दिया तो यह कन्फयूजन बढ़ गया कि अगर नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर की बीच जंग छिड़ी थी तो इस लड़ाई में कौन जीता? क्योंकि आरसीपी सिंह तो प्रशांत किशोर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा रहे थे लेकिन नीतीश तो उनको हर हाल में साथ रखना चाहते हैं।

इस कन्फयूजन पर पूर्व आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने फेसबुक पर लंबा चैड़ा पोस्ट लिखा है। शिवानंद तिवारी ने लिखा है-‘जदयू में आरसीपी इतना ताकतवर कैसे हो गए हैं ! नीतीश कुमार प्रशांत किशोर को जदयू में रखना चाहते हैं. उनका इस्तीफा खारिज कर रहे हैं. तो आरसीपी उनको वहाँ से भगाना चाहते हैं! सब जानते हैं कि नीतीश जी की इजाजत की बगैर उनकी पार्टी में पत्ता भी नहीं खड़क सकता है. ऐसे माहौल में उनकी इच्छा के विपरीत सार्वजनिक रूप से बोलने की हैसियत आरसीपी ने कैसे अर्जित कर ली है! नीतीश जी भले ही दावा करें कि एनआरसी यानी नागरिक रजिस्टर बिहार में नहीं लागू होगा. लेकिन स्पष्ट है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तो अब संशोधित नागरिकता कानून के आधार पर ही बनेगा.

अमित शाह बार-बार कह रहे हैं कि एक-एक घुसपैठियों को निकाल बाहर करेंगे. ये लोग घुन की तरह देश को चाट रहे हैं. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनाने की घोषणा तो भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में ही कर दिया था. जबकि नीतीश जी की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया था. इसका अर्थ तो यही है कि वह भाजपा के ही घोषणा पत्र पर लोकसभा का चुनाव लड़ी था. नागरिकता क़ानून का समर्थन करने के बाद अब स्पष्ट हो चुका है कि नीतीश जी किसी दबाव में हैं. उसी दबाव में उन्होंने नागरिकता कानून में संशोधन का समर्थन किया है. अन्यथा तीन तलाक़ और 370 का विरोध करने वाला संविधान और देश की हमारी विशिष्टता को नष्ट करने वाले नागरिकता कानून में संशोधन का समर्थन कैसे कर सकता है! इसकी वजह क्या हो सकती है ? नीतीश कुमार पर दबाव डालने के लिए ‘किसी प्रकार से अर्जित’ आरसीपी के उस हैसियत का भाजपा इस्तेमाल तो नहीं कर रही है !!

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