सिटी पोस्ट लाइव : दिल्ली में लड़कियों के साथ लालू यादव के दोनों पुत्र तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के ऊपर छेड़छाड़ करने के लगे पुराने मामले को लेकर बिहार की राजनीति तेज हो गई है. आरजेडी नेता शिवानन्द तिवारी ने तेजस्वी और तेजप्रताप के बचाव में ऐसा बयान दे दिया है, जिसको लेकर विवाद और भी बढ़ गया है. शिवानन्द तिवारी ने दोनों भाइयों का बचाव करते हुए कहा कि छेड़छाड़ की भी एक उम्र होती है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि कौन ऐसा सा नौजवान है जो खास उम्र में लड़कियों को नहीं देखता है. कई नौजवान तो चुहलबाजी करते हैं. इसमें विवाद जैसी कोई बात नहीं.
शिवानंद तिवारी के इस बयान पर अब जेडीयू ने पलटवार शुरू कर दिया है. जेडीयू नेता प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि अब आरजेडी ये भी तय कर दे कि कितने उम्र के लड़कों को लड़कियों के साथ छेड़खानी करने की छूट है. संजय सिंह ने कहा कि शिवानन्द तिवारी को भी बता देना चाहिए कि उन्होंने कब कब छेड़खानी किया है. शिवानंद तिवारी के बयान पर जेडीयू के दूसरे प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि ये साबित करता है कि आरजेडी के लोगों की मानसिकता कैसी है और उनके संस्कार कैसे हैं. सबसे आश्चर्य की बात है कि पार्टी में कुछ लोग ऐसे हैं जो भ्रष्ट और छेड़खानी के आरोपियों को अपना नेता मानते हैं.
गौरतलब है कि सुशील मोदी ने 30 जुलाई को ट्वीट कर तेजस्वी और तेज प्रताप पर गंभीर आरोप लगाये थे. सुशील मोदी ने लिखा था कि एक जनवरी 2008 को दिल्ली में नव वर्ष उत्सव के दौरान लड़कियों पर फब्तियां कसने और छेड़छाड़ करने के चलते अज्ञात लोगों ने लालू के दोनों बेटों पर हमला कर दिया था. इस घटना में घायल तेज प्रताप और तेजस्वी को अस्पताल में इलाज कराना पड़ा था. उस समय दोनों भाइयों का बचाव करने वाले निजी सुरक्षा अधिकारी की सर्विस रिवाल्वर गायब हो गई थी. परिवारवादी पार्टी ने 9 साल बाद दोनों को नेता मान लिया और सीनियर नेता ठिकाने लगा दिए गए. छेड़खानी की घटना में जिनके नाम आए, वे बच्चियों के हमदर्द होने का नौटंकी कर रहे हैं. जब तेजस्वी यादव दिल्ली में धरना दे रहे थे ,उस समय भी जेडीयू की महिला प्रवक्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देबी को पत्र लिख कर कहा कि आपने अपने बेटों को अच्छा संस्कार देने में नाकाम रही हैं.आपके बेटे किस अधिकार से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर धरना दे रहे हैं जबकि वो खुद छेड़खानी करने के चक्कर में मार खा चुके हैं.
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