City Post Live
NEWS 24x7

शिवानंद ने साधा मोदी पर निशाना,पूछा- चुनाव जीते नहीं,उप-मुख्यमंत्री कैसे बने ?

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

तिवारी ने मोदी से सवाल किया- ”विधानसभा के 2015 के चुनाव में तेजस्वी के गठबंधन को बहुमत मिला था. उनका दल आरजेडी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ा दल बना. उस जनादेश के अनुसार सरकार में तेजस्वी उप मुख्यमंत्री बने. लेकिन विधानसभा के उसी चुनाव में पराजित सुशील मोदी आप उप मुख्यमंत्री कैसे बने हुए हैं ?

सिटीपोस्टलाईव:तस्लिम्मुद्दीन के गढ़ को घेरने की तैयारी में एनडीए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.बिहार सरकार के तमाम मंत्री वहां 28 मई को होने वाले विधान सभा उप-चुनाव के प्रचार में जुटे हुए हैं.खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एडी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं.जोकीहाट चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति गरमाई हुई है. शिवानंद तिवारी ने कहा, ”जोकीहाट उपचुनाव में फैसला हो जाएगा कि किसका मुंह छोटा है और किसका बड़ा. उन्होंने बयान जारी कर कहा, ”लोकतंत्र में कोई मुंह छोटा या कोई बड़ा नहीं होता है. सब मुंह बराबर होता है. लोकतंत्र का यही पहला पाठ है. इसलिए सुशील मोदी जब तेजस्वी के लिए छोटी मुंह बड़ी बात कहते हैं तो लगता है कि उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी लोकतंत्र का मूल पाठ ही भूल गए हैं.

तिवारी ने मोदी से सवाल किया- ”विधानसभा के 2015 के चुनाव में तेजस्वी के गठबंधन को बहुमत मिला था. उनका दल आरजेडी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ा दल बना. उस जनादेश के अनुसार सरकार में तेजस्वी उप मुख्यमंत्री बने. लेकिन विधानसभा के उसी चुनाव में पराजित सुशील मोदी आप आज उप मुख्यमंत्री कैसे बने हुए हैं ? पिछले दरवाज़े से उप मुख्यमंत्री बनने वाला चुनाव लड़कर जनता के बीच से आने वाले तेजस्वी के मुंह को छोटा कैसे बता रहा है ?”

शिवानंद तिवारी ने कहा कि जोकीहाट में एक और परीक्षा होने वाली है. जेडीयू-बीजेपी के दर्जनों मंत्री और नेता वहां कैंप कर रहे हैं. मुख्यमंत्री भी विकास का हवाला देकर वोट मांग आए हैं.बता दें कि जदयू ने जोकीहाट में मुर्शीद आलम को अपना प्रत्याशी बनाया है. मुर्शीद आलम का सीधा मुकाबला आरजेडी के शाहनवाज आलम से है, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं. मो. तस्लीमुद्दीन के निधन के कारण रिक्त हुई अररिया लोकसभा सीट से पिछले दिनों उनके दूसरे पुत्र सरफराज आलम आरजेडी के टिकट पर जीते हैं. सरफराज आलम पहले जदयू में थे, और जोकीहाट से विधायक थे.

जोकीहाट उपचुनाव जदयू के लिए बहुत अहम है. महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद यह दूसरा मौका है जब पार्टी चुनाव का सामना कर रही है. पिछले दिनों जहानाबाद में हुए उपचुनाव में जदयू को हार का सामना करना पड़ा था. जोकीहाट सीट पर अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या अधिक है.अगर ये सीट जीतने में नीतीश कुमार कामयाब होते हैं तो आगामी लोक सभा और विधान सभा चुनाव बीजेपी के साथ सीटों को लेकर ज्यादा बार्गेन कर पायेगें वर्ना बीजेपी उन्हें कमजोर होने का अहसास दिलायेगी.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

Comments are closed.