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सीटों को लेकर NDA और महागठबंधन के बीच अभी भी फंसा है पेंच

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सीटों को लेकर NDA और महागठबंधन के बीच अभी भी फंसा है पेंच

सिटी पोस्ट लाइव : झारखण्ड विधान सभा चुनाव का बिगुल बज चूका है .लेकिन अभीतक गठबंधनों के बीच सीटों का समझौता नहीं हो पाया है. महागठबंधन में तो घमशान मचा ही है, NDA में भी ‘आल इस वेल’ नहीं है.दोनों गठबंधनों में सीट शेयरिंग  का पेंच फंसता हुआ दिख रहा है.सबसे पहले बात करते हैं महागठबंधन की.इसमे कांग्रेस और जेएमएम के बीच  दिल्ली में बातचीत का दौर जारी है, लेकिन बात बनती हुई नहीं दिख रही.अब जेएमएम ने अपना रूख कड़ा कर लिया है.जेएमएम, कांग्रेस को 28 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है, जबकि कांग्रेस 30 सीट पर अड़ी हुई है. इस बीच जेएमएम ने आरोप लगाया कि सीटों के बंटवारे को लेकर अब कांग्रेस वादाखिलाफी कर रही है.

कांग्रेस ने जेएमएम के सामने कुछ नए शर्त रख दिये हैं.दरअसल कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बड़े नेताओं पर दांव लगाने की तैयारी में है. इसको लेकर पार्टी जेएमएम से गांडेय, हटिया, घाटशिला, विश्रामपुर, मधुपुर और गुमला सीट चाहती है. लेकिन जेएमएम इन्हें छोड़ने को तैयार नहीं है. घाटशिला से प्रदीप बालमुचू, गांडेय से सरफराज अहमद, विश्रामपुरसे ददई दुबे, हटिया से सुबोधकांत सहाय, मधुपुर या महगामा से फुरकान अंसारी, सिसई से गीताश्री उरांव और गुमला से प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव को कांग्रेस मैदान में उतारना चाहती है.

प्रदेश कांग्रेस ने सूबे के सभी 81 सीटों के लिए तीन-तीन उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार कर आलाकमान को भेज दिया है. अब दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में प्रत्याशियों पर फैसला लिया जाएगा. उधर, महागठबंधन के तहत जेएमएम 41 से 44 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है. बाकी 5-5 सीटें आरजेडी और वामदलों को देने पर विचार चल रहा है.दूसरी तरफ महागठबंधन से अलग CPI ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. सीपीआई (CPI) ने छतरपुर, सिमरिया, बड़कागांव, भवनाथपुर, रामगढ, बेरमो, मांडू, डुमरी, नाला, बोरियो, कांके, सारठ, जरमुंडी, बरकट्ठा, हजारीबाग और बहरागोड़ा या घाटशिला सीट पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग को लेकर आजूस के साथ खींचतान चल रही है. आजूस के सुप्रीमो सुदेश महतो का कहना है कि बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग के पुराने फॉर्मूले को वो नहीं मानेगें. आजसू इस बार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी से 15 सीटों की मांग कर रहा है.आजसू सुप्रीमो सुदेश का कहना है कि 2014 में स्थिर सरकार देने के लिए आजसू  ने बड़ी कुर्बानी दी थी. लेकिन 2019 में बीजेपी  से नये सिरे से बातें होंगी.

2014 में मात्र 8 सीटों पर चुनाव लड़कर पांच सीटों पर जीत हासिल करनेवाले आजसू ने लोहरदगा, चंदनकियारी, हुसैनाबाद, ईचागढ़, चक्रधरपुर, गोमिया और रामगढ़ समेत 15 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है.बेजीपी और आजसू दोनों दलों के नेता ये कह रहे हैं कि सीट शेयरिंग पर अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व के साथ आजसू  सुप्रीमो सुदेश महतो की दिल्ली में होनेवाली  बैठक में लिया जाएगा.

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