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संजय जायसवाल ने उठाया कानून व्यवस्था पर सवाल, विपक्ष के निशाने पर आए सीएम नीतीश

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सीएम नीतीश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है. जिसके बाद सीएम नीतीश विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं,  और पूछा है कि अब क्या करेंगे. दरअसल संजय जायसवाल ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने सीमांचल (किशनगंज और पूर्णिया) की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि प्रशासन निर्दोषों पर ही कार्रवाई कर रहा है।

संजय जायसवाल ने अपने पोस्ट में लिखा है कि कल रामगढ़वा के धनगढ़वा गांव में सूचना मिली कि दलित समाज के लोगों के रास्ते को कुछ अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने ईंट की दिवाल बनाकर बंद कर दिया है। मेरी पलनवा थाना प्रभारी से बात हुई और उनके साथ अंचलाधिकारी ने स्वयं स्थान पर जाकर दिक्कत का निदान कर दिया । विगत कुछ दिनों में इस तरह की घटनाएं काफी बढ़ गई है।

शुरुआत ढाका से हुई जहां सहनी फिर नोनिया और उसके बाद पासवान समाज के बरात को न केवल निकलने पर पीटा गया बल्कि जब वे बेचारे पुलिस की मदद मांगने गए तो दंगे के समय के सिद्धांत के तहत दोनों समाज के लोगों पर मुकदमा एवं गिरफ्तारी का आदेश कर पुलिस ने अपनी जिम्मेवारी की इतिश्री कर ली । इस तरह की छह से ज्यादा घटनाएं ढाका में देखी गई है और हर बार दोषी के बदले दोनों समाज को जेल भेज दिया गया। रामगढ़वा में प्रशासन ने बहुत ही धैर्य से इस मुद्दे को सुलझाया इसलिए उनका साधुवाद।

ये घटनाएं अचानक किशनगंज और पूर्णिया जिले में भी बढ़ गई हैं। वायसी में जो दलितों पर अत्याचार हुआ उसपर भी सरकार ने संज्ञान लेकर वहां के दलितों को इंसाफ दिलाया । प्रशासन को हर जगह चौकसी की जरूरत है । जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस तरह की घटनाओं पर तुरंत संज्ञान लेकर निदान कर दिया जाता है तो भविष्य में स्थितियां हाथ से नहीं निकलती है। लेकिन जब जिला प्रशासन एक तरफ खड़ा होकर निर्दोषों को भी दंड देने लगता है तो समाज में बहुत गलत संदेश जाता है।

गौरतलब है कि पिछले महीने पूर्णिया जिले के बायसी अनुमंडल मुख्यालय की खपड़ा पंचायत के मझुआ गांव में दो पक्षों के बीच हुए खूनी संघर्ष में एक सेवानिवृत चौकीदार की मौत हो गयी. वहीं एक दर्जन  घरों में आग लगा दी गई. मृतक नेवालाल राय सेवानिवृत चौकीदार था। जबकि गांव में तैनात चौकीदार दिनेश राय हमले में गंभीर रूप से घायल हो गये. दोनों पक्षों के बीच आंगन में टटिया लगाने को लेकर विवाद हुआ था. ग्रामीणों ने बताया कि बीती रात 10 से 11 बजे सैकड़ों की संख्या में असामाजिक तत्वों ने  लाठी व तलवार से लैस होकर मझुआ गांव के महादलित टोला में हमला कर दिया.

इसे लेकर संजय जायसवाल का बयान विपक्ष के लिए वरदान बन गया. उन्होंने हाथों-हाथ उठाकर सीएम नीतीश से पूछा अब क्या करेंगे. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि भाजपा ने अपने एमएलसी को पार्टी से इसलिए निष्कासित कर दिया क्योंकि उसने सीएम नीतीश के खिलाफ बोला था. जदयू ने तो कहा था कि सीएम नीतीश पर उंगली उठाने वाले की उंगली काट ली जाएगी. अब जदयू क्या करेगी, प्रदेश अध्यक्ष ने तो नीतीश कुमार के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. अब उंगली कटेगी ? जाहिर है पिछले दिनों टुन्ना पांडेय को सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बोलना महंगा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें इसकी सजा दी गई थी.

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