सिटी पोस्ट लाइव : सरकारी इमारतों स्कूलों में RJD द्वारा कोविड-19 खोले जाने के निर्णय को लेकर राजनीति तेज हो गई है.RJD के इस ऐलान के बाद जेडीयू ने नेता पूर्व मंत्री और जेडीयू के एमएलसी नीरज कुमार ने प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोला है और पूछा है कि यह अधिकार आपको किसने दिया ?एमएलसी नीरज कुमार ने नेता प्रतिपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रवासी नेता तेजस्वी यादव का कोरोना आपदा के राजनीतिकरण का प्रकटीकरण है. सरकारी इमारतों/संसाधनों से राजद के नाम पर कोविड केयर सेंटर चलाने का अधिकार आपको दिया किसने?कोरोना वैश्विक आपदा है।आपदा का राजनीतिकरण अक्षम्य!
गौरतलब है कि आज RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव नहीं 3:30 सालों बाद पार्टी के नेताओं के साथ बातचीत की थी. तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं और विधायकों से कहा कि कोरोना के इस संकट में स्कूल या सामुदायिक भवन में राजद कोविड केयर सेंटर संचालित करें.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद ने RJD के सभी विधायकों और प्रत्याशी रहे सभी साथियों से अपील है कि वे इस कोविड महामारी के कठिन समय में अपने क्षेत्र के सभी मतदाताओं के प्रति अपने कर्तव्य का पूरी निष्ठा से निर्वहन और सेवा करें. कोरोना गाँवो में पैर पसार चुका है. लोग बीमार है कहीं कोई जाँच नहीं हो रही.सभी अपने क्षेत्रों में अस्थायी राजद कोविड केयर सेंटर स्थापित करें. सभी अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में ऐसे हॉल अथवा स्कूल या सामुदायिक भवनों को चिन्हित करें जिनका राजद कोविड केयर अथवा आइसोलेशन सेंटर के रूप में सदुपयोग किया जा सके. इसके लिए स्थानीय प्रशासन का सहयोग लेते हुए वहाँ बिस्तर, ऑक्सिजन सिलिंडर, निर्बाध बिजली आपूर्ति, दवाएँ, साफ सफाई और मरीज़ो के लिए 24 घण्टे डॉक्टरी सलाह सुनिश्चित करवाएँ.
पार्टी द्वारा हर ज़िला में RJD कोविड केयर सेंटर स्थापित करने का प्रयास है जिसमें कोविड मरीज़ों को शुरुआती लक्षण दिखने पर दवा किट और अन्य ज़रूरी मदद उपलब्ध कराया जा सके. सुनिश्चित करें कि आपके विधायक निधि का एक एक पैसा आपके क्षेत्र में व्यय हो रहा है कि नहीं. इसमें किसी प्रकार के घालमेल या बंदरबांट के प्रति सजग रहें.* निरन्तर अपने क्षेत्र के अस्पतालों/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की जाँच पड़ताल करते रहें.वहाँ दिखाई देनेवाली किसी भी प्रकार की कमी, सरकारी कोताही, प्रशासनिक लीपापोती या कर्मियों द्वारा मरीज़ो व परिजनों की अनदेखी या दुर्व्यवहार का फोटो खिंचवाएँ, वीडियो बनवाएँ और कड़ा विरोध दर्ज करें.