सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एकबार फिर बड़ा फरमान जारी कर दिया है. इस बार का फरमान पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए नहीं बल्कि पार्टी के वीर बहादुरों के लिए है, मतलब प्रवक्ताओं के लिए. जो कही भी पार्टी के लिए खड़े हो जाते हैं . सड़क क्या और घर क्या, जहां भी मौका मिलता है पत्रकारों से रूबरू होने का वे अपने विरोधियों को पानी पिलाने लगते हैं. लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे. क्योंकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने उनकी लगाम खिंच ली है और बड़ा आदेश जारी कर दिया है.
जगदानंद सिंह के इस नए आदेश में कहा गया है कि मीडियाकर्मी दिन में 11 बजे के बाद पार्टी कार्यालाय में प्रवक्ताओं का बयान लेने के लिए आएं. साथ ही इसमें मीडिया के लोगों से यह आग्रह किया गया है कि वो प्रवक्ता के लिए बनाए गए कक्ष में ही बयान रिकार्ड करें. प्रदेश अध्यक्ष के इस फरमान को कार्यालय सचिव के निर्देश पर कार्यालय के गेट पर बतौर सूचना लगा दिया गया है. जगदानंद सिंह के इस आदेश से आरजेडी के वैसे बयान बहादुरों पर लगाम लगाने की कवायद है जो नीतीश सरकार पर हमला बोलने के लिए चौक-चौराहे पर खड़ा होकर सरकार की बखिया उधेड़ना शुरू कर देते हैं. ऐसे में पार्टी की ओर जारी इस आदेश के मुताबिक प्रवक्ताओं के लिए बनाए गए कक्ष में वही बैठेंगे जो पार्टी की ओर से अधिकृत प्रवक्ता हैं. वही प्रवक्ता पार्टी की ओर से तय की गई लाइन पर ही बायन देंगे.
इतना ही नहीं आरजेडी के कार्यालय के बाहर चिपकाए गई इस सूचना से यह साफ हो गया है कि पार्टी के प्रवक्ताओं और कार्यकर्ताओ को इस आदेश को मानना होगा. वरना उनके खिलाफ पार्टी की ओर से कार्रवाई भी हो सकती है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इससे पार्टी को क्या फायदा होने वाला है. प्रवक्ताओं पर इतनी सख्ती से पार्टी के पक्ष की बात ही लोगों तक नहीं पहुंच पायेगी. यदि कोई ऐसी बात रात या सुबह हो जिसपर विपक्ष का बयान जरुरी हो, तो क्या प्रवक्ता पार्टी दफ्तर पहुंचेगे तभी बयान देंगे. इससे तो पार्टी का पक्ष ही सामने नहीं आ पायेगा. इससे पुरानी कहावत कि रावण मर गया और अब सीता राम की पत्नी बताई जा रही वाली बात होगी. खैर जो भी हो ये पार्टी का अंदरूनी मामला और नियम कानून है. वैसे बता कि जगदानंद सिंह नियम बनाने के लिए जाने जाते हैं.
बता दें इससे पहले जब वे प्रदेश अध्यक्ष बने थे तो उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लगाम लगाने के लिए दफ्तर में अनुशासन से रहने को कहा था, जिसे लेकर काफी बवाल भी हुआ. इसे लेकर दिवंगत और पूर्व राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा था कि राजनीति में आत्मानुशासन चलता है मिलिट्री शासन नहीं चलता। पार्टी में लोग रहेंगे तभी अनुशासन रहेगा यह गरीबों की पार्टी है। इससे साफ़ है कि जगदानंद सिंह पार्टी में अनुशासन चाहते हैं.
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