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तेज प्रताप को विधान परिषद भेंजकर निबटाने की या बचाने की तैयारी?

RJD के इस प्लान के पीछे क्या हो सकती है रणनीति, पढ़िए पूरी खबर मिलेगा आपके हर प्रश्न का जबाब .

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सिटी पोस्ट लाइव : तेजप्रताप यादव को इसबार विधान सभा चुनाव लड़ाने की जगह उन्हें विधान परिषद् में भेंजने की तैयारी चल रही है.इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.RJD के एक नेता के अनुसार तेजप्रताप यादव के खिलाफ उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय चुनाव मैदान में उतर सकती हैं.ऐसे में पति-पत्नी के बीच मुकाबला को टालने के लिए पार्टी तेजप्रताप को पीछे के दरवाजे से विधान परिषद् में भेंजना चाहती है. लेकिन पार्टी के कुछ लोगों को कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के घटक दल तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा मनाने को तैयार नहीं हैं. आरजेडी पहले ही उनके नाम पर मुहर लगा चुकी है. ऐसे में पार्टी को लगता है कि विधानसभा चुनाव के बीच में पार्टी के अंदर तेजस्वी और तेजप्रताप के चेहरे को लेकर कोई कन्फ्यूजन पैदा ना हो. इसी वजह से तेजप्रताप यादव को विधान परिषद भेजने की बात हो रही है.

हालांकि लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव  विधान परिषद जाने की संभावना से इंकार कर चुके हैं.उन्होंने कहा है कि वो चुनाव लड़ेगें, पीछे के दरवाजे से नहीं जायेगें.तेजप्रताप फिलहाल महुआ सीट से विधायक हैं.वो साफ़ कर चुके हैं कि सामने चाहे मुकाबले में जो भी हो वो चुनाव लड़ेगें. आरजेडी के हिस्से की तीन विधान परिषद् की सीटें जानेवाली हैं. विधान परिषद में जातिय समीकरण बिठाने के लिए अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक कोटे से एक-एक उम्मीदवार को विधान परिषद भेज सकती है.

सूत्रों का कहना है कि आरजेडी के अंदर किसी उच्च जाति से खासकर राजपूत समाज से विधान परिषद प्रत्याशी बनाने की मांग हो रही है. कहा जा रहा है कि भूमिहार समाज से आरजेडी ने एडी सिंह को राज्यसभा भेजा है तो राजपूतों को विधान परिषद में उम्मीदवारी मिलनी चाहिए.RJD प्रवक्ता मृतुन्जय तिवारी भी प्रबल दावेदार हैं.अगर इसबार पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया तो पार्टी को गुडबाय कह सकते हैं.

बिहार विधान परिषद की नौ सीटों के लिए चुनाव होने हैं. फिलहाल सभी सीटें जेडीयू और बीजेपी के कोटे की हैं. लेकिन इस बार विधानसभा में दलों की मजबूती के हिसाब से तीन सीट आरजेडी के खाते में जाएगी. वहीं एक सीट कांग्रेस के खाते में भी जाना तय है. बाकी की पांच में तीन जेडीयू और दो बीजेपी के हिस्से में जाएंगी.

आरजेडी अति पिछड़ा वर्ग के कोटे से रामबली सिंह चन्द्रवंशी को विधान परिषद भेज सकती है. रामबली फिलहाल आरजेडी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं. तीसरी सीट अगर अल्पसंख्यक कोटे में दी जाती है तो पार्टी फैसल अली पर दांव लगा सकती है. हालांकि क सीट राजपूत समाज के लोग भी डिमांड कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह भी विधान परिषद जाना चाहते हैं. हालांकि अंतिम फैसला लालू फैमिली और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की रजामंदी से होना है.अगर एक सीट राजपूत को मिला तो सुनील सिंह का चांस ज्यादा है.

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