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बढ़ते अपराध और सांप्रदायिक सौहाद्र बिगाड़ने के संभावित खतरे को लेकर सतर्क हैं सीएम

मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय के लिए जारी किया विशेष गाईडलाइन -मीडिया फ्रेंडली बने पुलिस

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सिटी पोस्ट लाईव ; बढ़ते अपराधिक बारदात की वजह से सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस मुख्यालय को अपराध पर लगाम लगाने के लिए कमर कस लेने की हिदायत के साथ ही अपराध के फ्रंट पुलिस को मिल रही सफलता को ठीक तरह से मीडिया के सामने लाये जाने के लिए विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.मुख्यमंत्री ने डीजी पुलिस को अपराध की रोकथाम और अपराधियों के खिलाफ की जा रही कारवाई को ठीक से जनता तक पहुँचाने के लिए नियमितरुप से मीडिया ब्रीफिंग करने का निर्देश दिया है.सीएम के निर्देश के बाद डीजीपी ने सभी जोनल आईजी को सप्ताह में  एक दिन प्रेस ब्रीफिंग  करने का निर्देश दिया है. बुधवार को मुजफ्फरपुर के आईजी सुनील कुमार ने आरटीआई कार्यकर्त्ता की हत्या के बारे में प्रेस कांफ्रेंस कर  कर इस दिशा में शुरुवात भी कर दी है. गुरुवार को पटना के आईजी  प्रेस ब्रीफिंग करेगें .

बेहतर पुलिसिंग  के लिए डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस कप्तान को  8 से ज्यादा संगीन अपराधिक मामलों में वांटेड अपराधों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान की शुरुवात करने का निर्देश दिया है. सभी पुलिस कप्तानों को हर दिन हत्या, लूट,अपहरण,रेप, डकैती जैसे अपराधिक मामलों में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी का टारगेट भी दे दिया है.जो पुलिस कप्तान टास्क परफॉर्म नहीं करेगें ,उनकी छुट्टी कर देने का पूरा पॉवर डीजीपी को मुख्यमंत्री की तरफ से दे दिया गया है.

मुख्यमंत्री के निर्देश को देखते हुए डीजी पुलिस ने तमाम पुलिस अधिकारियों को मीडिया फ्रेंडली होने, नियत समय पर दिनभर की पुलिस की उपलब्धियों को मीडिया के साथ शेयर करने का निर्देश दे दिया है.मुख्यमंत्री के निर्देश को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय नियमितरुप से मीडिया ब्रीफिंग करेगा .मीडिया वाले जब चाहें ,उन्हें जानकारी मिल जाए इसके लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है.जाहिर है कि राज्य में खराब होती कानून व्यवस्था से नीतीश कुमार दुखी हैं .मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपराध नियंत्रण को लेकर ही सबसे पहले देश भर में चर्चा में आये थे .वो किसी भी कीमत पर अपराध पर नियंत्रण करनेवाले मुख्यमंत्री की अपनी पहचान को मिटने देना नहीं चाहते.

सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में भागलपुर ,औरंगाबाद समेत कई जिलों पर जिस तरह से सांप्रदायिक सौहाद्र बिगाड़ने की कोशिश हुई है,उसको लेकर भी मुख्यमंत्री के कान खड़े हो गए हैं.उन्हें लगता है कि एक सोची समझी शाजिष के तहत उनके सेक्यूलर क्रेडेंशियल को ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है.उन्हें इस साल रामनवमी और दशहरा के मौके पर और भी बड़े पैमाने पर उपद्रव मचाये जाने की आशंका है.वो बार बार यह सन्देश देने की कोशिश भी करते दिख रहे हैं कि वो किसी कीमत पर साम्प्रदायिकता ,अपराध के साथ समझौता नहीं करनेवाले हैं.सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अभी से रामनवमी और दशहरा के मौके पर संभावित सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की योजना को नाकाम करने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं.

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