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तेजस्वी मांगे माफी, जाति में बंटकर नहीं लड़ी जा सकती आरक्षण की लड़ाई : अनिल कुमार

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सिटी पोस्ट लाइव : जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज करा माफी मांगने को कहा, जिसमें उन्होंने BPSC रिजल्ट के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर 15 सालों में अपनी जाति का प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने का आरोप लगाया था। अनिल कुमार ने आज पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि आरक्षण की लड़ाई जाति में बंट कर कभी नहीं हो सकती।

अनिल कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन ने कुर्मी व अन्य जाति को जन्म नहीं दिया। ये जातियां पहले भी थीं। देश के प्रथम गृह मंत्री आदरणीय सरदार पटेल, शिवाजी महाराज तक इसी जाति से रहे हैं। आज बिहार में नीतीश कुमार ने हमारे समाज को पीछे धकेला है, क्योंकि वे RSS की गोद में बैठकर देश में नमो संविधान लागू करना चाहते हैं। इसलिए तेजस्वी यादव का यह ट्वीट बेबुनियाद और निराधार है, जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए और उन्हें समझना चाहिए कि बाबा साहब के संविधान आरक्षण की लड़ाई जाति में बंटकर नहीं लड़ी जा सकती। 1989 में भी वी पी सिंह जी और लालू प्रसाद जी के नेतृत्व में पिछड़ों की लड़ाई लड़ी गयी थी। अब वही लड़ाई फिर से लड़ने की जरूरत है।

इससे पहले अनिल कुमार ने BPSC रिजल्ट में बीसी और जनरल केटेगरी का सलेक्शन बराबर यानी 535 अंक रखने पर सवाल खड़े किए और कहा कि 2019 की तरह इस बार भी BPSC रिजल्ट में खेला हो गया। यह सब यकीनन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ही हुआ होगा। आखिर नीतीश कुमार यह खेला कर क्यों रहे हैं? मंडल की राजनीति कर सत्ता में आये नीतीश कुमार कमंडल के गोद में बैठकर मंडल को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं? क्या वे बाबा साहब के संविधान से आरक्षण खत्म कर देंगे? इन सवालों का जवाब नीतीश कुमार को देना चाहिए। क्योंकि वे इन दिनों बाबा साहब के संविधान की जगह नमो संविधान बिहार में लागू करने पर तुले हैं। हमारा आपका अधिकार छीनने पर तुले हैं, जो हम होने नहीं देंगे।

उन्होंने कहा कि आखिर हम लोग कब तक चुप बैठकर अपने अधिकारों को खोते देखते रहेंगे? 2019 BPSC में कट ऑफ थोड़ा ज्यादा था, इस बार बराबर कर दिया। ऐसे में हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि कोविड का दौर अभी चल रहा है। आप इस पर पुनर्विचार करें और अगर आप ये नहीं करते तो हम पूरे बिहार में व्यापक पैमाने पर बड़ा जन आंदोलन करेंगे।

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