राहुल गांधी कन्फ्यूज्ड, आरजेडी तय करेगा कौन होगा कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष
क्या RJD की सहमति से तय होगा बिहार में कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष?
सिटी पोस्ट लाईव : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में लगभग 6 घंटे से ज़्यादा चली बैठक के बाद भी बिहार कांग्रेस के नए अध्यक्ष बनाने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया. पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता और चुने गए जनप्रतिनिधियो को दिल्ली बुलाकर राहुल उनकी मन की बात समझना चाहते थे, लेकिन आलाकमान ख़ुद कन्फ़्यूज़न की स्थिति में दिखा. ज्यादातर नेताओं का यहीं कहना था कि दिल्ली बुलाकर सिर्फ़ पैसे ख़र्च कराया गया.नए अध्यक्ष को लेकर खुद आलाकमान ख़ुद कन्फ़्यूज़ नजर आया. ज्यादातर कांग्रेसियों के अनुसार अभीतक तस्वीर साफ़ नहीं हुई है कि अध्यक्ष कौन होगा लेकिन इतना तय है कि तेजस्वी यादव की सहमति से ही कोई नया अध्यक्ष चुना जाएगा. ज्यादातर कांग्रेसियों का मानना है कि पिछले दिनों राहुल गांधी से मिलकर तेजस्वी ने अध्यक्ष को लेकर राहुल गांधी के साथ चर्चा की थी.ऐसा मन जा रहा है कि तेजस्वी कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक फ़ैसलों में दख़ल दे रहे हैं.
दरअसल, कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नेता हैं,जिसको लेकर राहुल गाँधी कन्फ्यूज्ड हैं. अध्यक्ष पद के लिए रेस में सबसे आगे चल रहे हैं प्रेमचंद्र मिश्रा.मिश्र मीडिया में पार्टी के सबसे फ़ेमिलियर चेहरा रहे प्रेमचंद्र मिश्रा को हाल में ही कांग्रेस ने MLC बनाया है. सूत्रों की मानें तो पार्टी इस बार प्रदेश में अगड़ी जाति को अध्यक्ष बनाना चाहती है, जिसमें प्रेमचंद्र मिश्रा का नाम सबसे चर्चा में है. इसी बहाने पार्टी अपने पुराने वोट बैंक को साधने की कोशिश करेगी.लेकिन उनकी राह के सबसे बड़े रोड़ा बने हैं अखिलेश सिंह. 2010 चुनाव में आरजेडी छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले अखिलेश सिंह आज भी पार्टी में आरजेडी के क़रीबी माने जाते हैं. यही कारण है कि अखिलेश सबसे प्रबल दावेदार हैं, हालांकि पुराने कांग्रेसियो का मानना है कि अखिलेश को अध्यक्ष बनाने से प्रदेश स्तर पर नाराज़गी होगी.
डॉ.शकील अहमद भी प्रबल दावेदार हैं.पूर्व मंत्री और AICC में लंबे समय तक महासचिव रहे डॉ. शकील अहमद भी अध्यक्ष पद के क़ाबिल उम्मीदवार बताए जा रहे हैं. बिहार कांग्रेस में आज भी शकील अहमद की अच्छी पकड़ और रणनीति का लोहा उनके विपक्षी भी मानते हैं. उनके समर्थकों का मानना है कि बिहार कांग्रेस के संगठन को खड़ा करने के लिए वरिष्ठ नेता जी ज़रूरत है.लेकिन इनकी राह के रोड़ा हैं निखिल कुमार और पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा. लेकिन पार्टी के ज्यादातर नेताओं का यहीं मानना है कि अध्यक्ष वहीँ बनेगा जिसके नाम पर आरजेडी की मुहर लगेगी. यानी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष राहुल गाँधी नहीं तेजस्वी ही तय करेगें .
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