सिटी पोस्ट लाइव, रांची : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि रघुवर सरकार को जश्न मनाने का अधिकार नहीं है। क्योंकि जो खुशहाली राज्यवासियों के चेहरे पर दिखनी चाहिए, वह नहीं दिख रही है। सहाय ने कहा कि अभी दो दिन पूर्व ही दुमका में भूख से दो लोगों की मौत हुई है। राज्य स्थापना दिवस पर सरकार की ओर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कई घोषणाएं भी हो रही हैं। लेकिन जो भी घोषणाएं हुई हैं, उनमें क्या सच्चाई है, यह एक चर्चा का विषय है। सहाय गुरूवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य के गठन में कांग्रेस ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन 18 वर्ष के युवा झारखंड आज कुपोषण का शिकार है। झारखंड को बीमार और बेरोजगार राज्य बना दिया गया। ऐसे लोगों के हाथ से हम सत्ता का लगाम छीनकर झारखंडियों के संस्कृति के अनुरूप खुशहाल झारखंड का सपना साकार करेंगे। उन्होंने कहा कि हम झारखंडियों के अनुरूप विकास का मॉडल तैयार करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रघुवर दास के पूंजीपतियों का मॉडल से झारखंड का भला नहीं हो सकता। देश-विदेश भ्रमण कर पूंजीपतियों को निवेश के लिए झारखंड बुलाया, लेकिन आज कितने एमओयू धरातल पर उतरा यह जगजाहिर है। झारखंड में युवाओं को रोजगार के लिए संघर्ष के कई चरणों से गुजरना पड़ता है, पहले प्री, मेन, इंटरव्यू, धरना, लाठीचार्ज, हाईकोट, सुप्रीम कोर्ट, फिर सीबीआई जांच के बाद कहीं जाकर नियुक्ति प्रक्रिया संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य भर के पारा शिक्षक स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं। वे लगातार मानदेय बढ़ाने की भी मांग करते आ रहे हैं। पारा शिक्षकों का कहना है कि कई बार मांगे रखने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। पारा शिक्षकों के संघ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह दमनकारी नीति त्याग कर पारा शिक्षकों के हित में आज घोषणा करें। लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की। प्रेसवार्ता में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, शमशेर आलम एवं लाल किशोर नाथ शाहदेव उपस्थित थे।
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