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रघुवर दास मालिकाना हक देने के नाम पर आम जनता को ठगा है: सरयू राय

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रघुवर दास मालिकाना हक देने के नाम पर आम जनता को ठगा है: सरयू राय

सिटी पोस्ट लाइव, जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे सरयू राय ने गुरुवार को चुनाव प्रचार समाप्त होने के कुछ मिनट पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर राज्य के एक लाख युवाओं को रोजगार देने के मामले में बड़ा फ्रॉड हुआ है और आश्चर्यजनक भूमिका निभाते हुए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड ने इसे अपनी सूची में दर्ज किया। उन्होंने इसके लिए लिम्बा बुक के प्रबंधक व संचालकों को माफी मांगने की भी सलाह दी है। जमशेदपुर में पत्रकारों से बातचीत में सरयू राय ने कहा कि जब यह फ्राड का मामला हाईकोर्ट में जाएगा, तब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लिम्का बुक रिकॉर्ड के ऊपर इसका प्रभाव पड़ेगा।  उन्होंने कहा कि  नौकरी के नाम पर लोगों को पूना ,केरल ,मुंबई आदि स्थानों पर भेजा गया और मात्र 6 से सात हजार रुपये के वेतन की नौकरी दी गई । लोग वहां से पलायन कर गए और यह युवाओं के साथ विश्वासघात था ।सरयू राय ने कहा कि कई उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले लोगों का नाम भी गलत रूप से इस सूची में लिख दिया गया कि उन्हें नौकरी दी गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रघुवर दास पिछले 1995 से लेकर अब तक मालिकाना हक देने के नाम पर आम जनता को ठगा है। जब दिल्ली में अवैध बस्तियों को मालिकाना हक प्रधानमंत्री प्रदान कर रहे हैं, तब यहां पर क्यों नहीं मालिकाना हक दिया जा सकता है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अब कहते हैं कि हमने ऐसा कोई वादा नहीं किया है इससे बड़ा झूठ और क्या होगा।

उन्होंने झारखंड विधानसभा के नये भवन में आगजनी की घटना पर भी गंभीर सवाल उठाते हुए इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा भवन निर्माण में घपला घोटाला की शिकायत आरंभ से ही आ रही थी. आज तक विधानसभा भवन को ठेकेदार द्वारा विधानसभा को नहीं सौंपा गया है, परंतु छह माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आनन-फानन में इसका उद्घाटन कराया गया, जबकि उस समय तक तीन चौथाई निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हुआ था। राय ने कहा है कि उन्होंने उस समय प्रधानमंत्री को राज्य के कैबिनेट मंत्री की हैसियत से पत्र लिखा था कि वे नवनिर्मित विधानसभा भवन का उद्घाटन न करें, क्योंकि इसका न सिर्फ कार्य अधूरा है, बल्कि इसके निर्माण में अनेक अनियमितता भी बढ़ती गई है। इस भवन का निर्माण बिना पर्यावरणीय स्वीकृति लिए किया गया है जो कि सीआईए नोटिफिकेशन 2006 के अनुसार अवैध है।  एक अवैध भवन एवं अर्ध निर्मित भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री से कराकर मुचसमं.ह ने वस्तुतः एक अपराध किया था।  उसी अपराध को छुपाने के लिए ऐसा लगता है कि विधानसभा के निर्मित भाग में आगजनी की गई, जिससे बहुत बड़ा नुकसान हुआ है.त्र।  इस घटना से यह पोल भी खुल गई है कि ठेकेदार द्वारा अभी तक भवन का हैंड ओवर विधानसभा को नहीं किया गया। राय ने विधानसभा में आग लगने की घटना की सीबीआई जांच की मांग भी की है।

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