रघुवर दास लिखित या सार्वजनिक माफी मांगें, नहीं तो कानूनी कदम उठायेंगे : हेमंत
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सह प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को एक लीगल नोटिस भेजा है। सोरेन ने सीएम को यह नोटिस उनके उस आरोप पर भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बरहेट विधायक हेमंत सोरेन ने सीएनटी और एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर साहिबगंज के पतना में आलीशान घर बना चुके हैं। सोरेन ने रविवार को कांके रोड स्थित अपने आवास में आयोजित प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सीएम ने कहा था कि बोकारो, रांची, धनबाद और दुमका सहित अन्य जगहों पर आदिवासियों की करीब 500 करोड़ से अधिक की जमीन हड़पी है। सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री और भाजपा आये दिन उनके परिवार पर सीएनटी और एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीदने के बेबुनियाद आरोप लगाती रहती है। उन्होंने राज्य सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि रघुवर सरकार ने 2015 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था। लेकिन आजतक सरकार ने उक्त रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं की। सरकार सिर्फ इसपर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार में हिम्मत है कि वे सीएनटी उल्लंघन के पूरे मामले की सीबीआई जांच करायें। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे हेमंत सोरेन हों या कोई, जो भी दोषी है, उसे सजा दिलायें। सोरेन ने कहा कि लीगल नोटिस उन्होंने शनिवार को ही भेज दिया है। उन्होंने सीएम रघुवर दास को सात दिन का समय देकर कहा है कि वे लिखित रूप से या सार्वजनिक रूप से अपने इस बयान को लेकर माफी मांगें, नहीं करने पर वे कानूनी कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उल्लेखनीय है कि गत तीन दिसम्बर को सीएम ने साहिबगंज में आयोजित जनता से सीधी बात जन चौपाल के दौरान हेमंत सोरेन पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हेमंत ने राज्य के विभिन्न जगहों में नियमों का उल्लंघन कर अवैध तरीके से लगभग 500 करोड़ की जमीन खरीदी है। हेमंत ने मुख्यमंत्री के साले को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर भी उनको घेरा। सोरेन ने कहा कि जमशेदपुर के सोनारी में रहने वाले मनीष दास ने सीएम के साले खेमराज साहू के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। पीड़ित ने कोर्ट से गुहार लगायी है कि खेमराज साहू बार-बार उसे परेशान कर रहे हैं। अब न्यायालय से ही उसे उम्मीद है। दायर याचिका में मनीष दास ने कहा है कि नोटबंदी के दौरान खेमराज साहू ने 15 लाख रुपये देकर उसके मकान को सिक्युरिटी के तौर पर रखा था। अब जब वह पैसा लौटाना चाहता है तो खेमराज साहू उससे पैसे के बदले घर की मांग कर रहा है। इस मामले में स्थानीय पुलिस भी उसकी मदद नहीं कर रही है।
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