बिहार में चुनाव की तैयारी शुरू, सबका अलग अलग है मुद्दा, जानिए किसका क्या है?
तेजस्वी यादवों की हत्याकांड को तो कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों की समस्या को बनाया अपना मुद्दा. ,
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में विधानसभा चुनाव (Assembly elections in Bihar) की तैयारी शुरू हो गई है. तेजस्वी यादव, गोपालगंज में यादव परिवार के तीन लोगों की हत्या को अपना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना चुके हैं वहीं कांग्रेस पार्टी और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी RLSP ने प्रवासी मजदूरों की समस्या को अपना मुद्दा बनाकर काम करना शुरू कर दिया है. बीजेपी भी चुप नहीं बैठी है. अब प्रधानमंत्री (Prime Minister) के 20 लाख करोड़ के पैकेज को चुनाव में बीजेपी भुनाने में जुट गई है. बीजेपी हाईटेक तरीके से इस विशेष पैकेज की बातों को आमजनों तक पहुंचाएगी. बीजेपी के इस प्रचार पर कांग्रेस ने तंज कसा है कि आखिर बीजेपी बताए कि 20 लाख करोड़ में बिहार का हिस्सा कितना है.
बीजेपी प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ के पैकेज की बातों को आमजन तक पहुंचाने में जुट गई है. इसको लेकर बीजेपी वर्चुअल रैली, वीडियो कांफ्रेंसिंग और वन टू वन जनसंपर्क अभियान शुरू करेगी.बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बताया आने वाले 7 जून से इसको पूरी तरह से लांच कर दिया जाएगा. एक वर्चुअल रैली में एक साथ हजार लोगों को फेसबुक, ज़ूम, वेबीनार के माध्यम से जोड़कर रैली की जाएगी. वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वन टू वन संवाद भी किया जाएगा. बीजेपी इसकी तैयारी में 20 लाख करोड़ के विवरण को भी पंपलेट में डालेगी और लोगों तक इसको पहुंचाया जाएगा.
बीजेपी इसकी तैयारी को लेकर 30 मई को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का फेसबुक लाइव कराएगी. 31 मई को प्रधानमंत्री की मन की बात सप्तर्षियों के साथ कराई जाएगी. बीजेपी ने इसको लेकर 5 सदस्य टीम की घोषणा भी कर दी है, जिसमें उपाध्यक्ष राजेश वर्मा, राजेंद्र गुप्ता, महामंत्री देवेश कुमार, मंत्री अमृता भूषण और राकेश सिंह को शामिल किया है. यह सभी प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज का प्रचार-प्रसार हाईटेक तरीके से करेंगे.
कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने बीजेपी पूछा है कि वह यह बताए कि प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज में बिहार को कितना हिस्सा मिला है. इससे पहले भी प्रधानमंत्री ने विशेष पैकेज का ऐलान करके बिहार को धोखा दिया था. बीजेपी के इस हाईटेक प्रचार पर जेडीयू कुछ भी कहने से बच रही है. लेकिन विपक्ष इस पर हमलावर है. विपक्ष यह भी कहता है कि कोरोना संकट में बीजेपी अपनी राजनीतिक रोटी सेक रही है. लेकिन बीजेपी का मानना है कि अब कोरोना के साथ ही जीना सीखना होगा और इसमें राजनीति भी करनी होगी.
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