प्रशांत किशोर का ममता प्रेम, विधानसभा चुनाव में करेंगे टीएमसी के लिए काम !
सिटी पोस्ट लाइव : राजनीति में कब कौन और किसके साथ मिल जाए, ये बात खुद राजनीतिक पार्टियों को भी पता नहीं होता. और जब बात मतभेद की हो तो ये कयास कभी-कभी सही साबित हो जाते हैं. दरअसल हम बात कर रहे हैं पिछले कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में छाये जेडीयू और नीतीश कुमार की. जिन्हें केंद्र की सत्ता में भागीदारी नहीं मिली या यूँ कहें कि वो लेना ही नहीं चाहते थे. जिसके बाद बिहार की राजनीति किसी गर्म तवे की भांति और गर्म होती चली गई. इसके बाद बयानबाजी का दौर जारी हुआ, विपक्ष ने जेडीयू को ऑफर दिया तो जेडीयू की सहयोगी दल भाजपा ने ऑफर देने वालें नेता को ही NDA में आने का न्योता दे डाला. लेकिन इस बीच जो सबसे बड़ी खबर राजनीति गलियारे में टहल रही है वो है प्रशांत किशोर का ममता प्रेम.
दरअसल मीडिया रिपोर्ट के हवाले से जो खबर सामने आ रही है उस खबर के मुताबिक जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर अब ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के लिए काम करेंगे और पश्चिम बंगाल में बीजेपी के खिलाफ चुनावी रणनीति बनाएंगे. इतना ही नहीं ख़बरों के मुताबिक प्रशांत किशोर ने टीएमसी के साथ अगले विधानसभा चुनाव में काम करने का समझौता कर लिया है. PK ने बाकायदा टीएमसी के साथ कांट्रैक्ट भी साइन किया है और आने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में वह बतौर रणनीतिकार ममता के लिए काम करेंगे.
ये खबर कितनी सच्ची है और कितनी झूठी ये तो पता नहीं लेकिन जब आग लगती है तो धुंआ उठाना लाजमी है. और ये धुंआ कहीं भाजपा के लिए खतरनाक साबित न हो. क्योंकि पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम की बात करें तो जेडीयू का भाजपा से नाराज होना संकेत देता है कि पार्टी कोई बड़ा कदम जरुर उठाएगी. इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में सीटों की अधिक मांग को लेकर भी ये कयास लगाये जा रहें हैं कि नीतीश कुमार भाजपा पर अभी से दवाब बनाने लगी है. लेकिन प्रशांत किशोर का ममता बनर्जी के लिए रणनीति बनाना, वो भी तब जब बिहार में भाजपा और जेडीयू दोनों गठबंधन में सरकार चला रही है. एक बड़ा सवाल खड़ा करता है. कि क्या इसके लिए नीतीश कुमार ने भी उनको सहमति दे दी है?
ये सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि कुछ दिन पहले ही प्रशांत किशोर ने पटना और दिल्ली में नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. इसके बाद ही उनके ममता बनर्जी के लिए काम करने की खबरें सामने आईं हैं. गुरुवार को जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने भी साफ़ कहा था कि प्रशांत किशोर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. ऐसे में इस तरह की कोई भी बात बिना राष्ट्रीय अध्यक्ष की इजाजत के संभव नहीं है. जाहिर है जेडीयू में वही होगा जो नीतीश कुमार चाहेंगे. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या नीतीश कुमार ने ही प्रशांत किशोर को ऐसा करने के लिए कहा है. क्या सच में नीतीश कुमार बीजेपी से इतने नाराज हो गए हैं कि जो टीएमसी बंगाल में बीजेपी को पांव पसारने नहीं देना चाहती, दोनों दलों में आए दिन हिंसात्मक झगडे की खबरे आती है, उनके लिए प्रशांत किशोर से काम कराएगी. अगर ये बात सच साबित होता है तो बिहार में जेडीयू और भाजपा के बीच एक बड़ा दरार बन जाएगा, जिसे भरना बेहद मुश्किल है.
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