नीतीश पर खूब बरस रहे हैं प्रशांत किशोर-‘बिहार को पिछलग्गू नहीं सशक्त नेता चाहिए’
सिटी पोस्ट लाइव : प्रशांत किशोर जेडीयू से निकाले जाने के बाद आज पहली बार पटना पहुंचे हैं। पटना स्थित अपने दफ्तर में प्रेस काॅन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने नीतीश पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा कि नीतीश जी से अब तक जो मेरा संबंध रहा है वो विशुद्ध राजनीतिक संबंध नहीं रहा है। पहली बार दिल्ली में मुलाकात हुई थी। नीतीश ने मुझे बेटे की तरह स्नेह से रखा। जब मैं उनके साथ था या उनके लिए काम कर रहा था तब भी उन्होंने मुझे बेटे की तरह हीं रखा। नीतीश ने मुझे लेकर जो फैसला लिया वो फैसला मैं सहृदय स्वीकार करता हूं। कल भी नीतीश का आदर करता रहा हूं और आगे भी करता रहा हूं। विचारधारा को लेकर नीतीश से लोकसभा चुनाव के समय से हीं मतभेद रहे हैं। नीतीश कहते रहे हैं कि गांधी लोहिया के विचार को मैं नहीं छोड़ सकता हूं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि गांधी की बात करते गोडसे का साथ देने वालों के साथ आप कैसे खड़े हो सकते हैं। गांधी और गोडसे दोनों एकसाथ खड़े नहीं हो सकते हैं। बीजेपी के साथ नीतीश 15 साल से हैं। पहले नीतीश जिस तरह बीजेपी के साथ रहे और आज रहे उसमें फर्क हैं। नीतीश कुमार बिहार के 10 करोड़ लोगों के नेता हैं। अमित शाह यह नहीं तय नहीं कर सकते कि नीतीश एनडीए के नेता होंगे।
उन्होंने कहा कि नीतीश के साथ के लोग चाहते हैं कि राजनीति में थोड़ा समझौता करना पड़ता है। बीजेपी के साथ रहकर क्या बिहार का विकास हो रहा है यह सोंचना पड़ेगा। बिहार के लोगों की अपेक्षा के अनुरूप क्या बिहार की तरक्की हो गयी। क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया। हाथ जोड़कर नीतीश ने पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल युनिवर्सिटी का दर्जा मांगा था उस पर कोई जवाब नहीं मिला।
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