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BPSC के कट ऑफ मार्क्स पर सियासत हुई तेज, तेजस्वी ने संजय जायसवाल पर कसा तंज

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सिटी पोस्ट लाइव: 64वें बीपीएससी का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. लेकिन, इस पर सियासत नहीं थम रही है. दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के कट ऑफ मार्क्स को लेकर सरकार पर तंज कसा था. वहीं, संजय जायसवाल ने भी इस मामले में तेजस्वी यादव पर अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये हमला किया था. उनका कहना था कि तेजस्वी यादव बिहार में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों उनकी जगह नहीं मिलने देना चाहते हैं.

वहीं, अब फिर से तेजस्वी यादव ने पलटवार कर दिया है. तेजस्वी यादव ने संजय जायसवाल पर पलटवार करते हुए लिखा कि, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की आरक्षण के प्रावधानों व उसकी अवधारणा की बे सिरपैर की समझ पर हंसी आती है. बात यहाँ मेधावी आरक्षित वर्गों के छात्रों को जानबूझकर आरक्षित कोटे में ही सीमित कर देने की संघी साज़िश की बात हो रही थी तो मंदबुद्धि महोदय को लगा कि आरक्षित वर्गों के छात्रों के अच्छे अंक आने से किसी को तकलीफ है.

भाजपाई प्रदेश अध्यक्ष को तो यह भी ज्ञात नहीं BPSC की विगत 2-3 प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षित वर्गों के छात्र ही टॉप कर रहे हैं। संजय जायसवाल ने स्वयं ही सिद्ध कर दिया कि उन्हें आरक्षण लागू करने की  “क..ख..ग” भर भी समझ नहीं। उन्हें तो यह भी पता नहीं कि नियम यह है कि जनरल कोटा के सभी 50% सीट सभी छात्रों के अंकों के आधार पर भरने होते हैं। अगर किसी SC, ST या OBC वर्गों के छात्र के अंक पहले 50% सीटों के लिए मेरिट लिस्ट में आते हों तो मोबिलिटी के आधार पर आरक्षित वर्ग का छात्र या छात्रा सामान्य वर्ग की 50% सीटों में स्थान पाएगा, ना कि अपने SC, ST या OBC वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में। आरक्षण का यही नियम है और इसी के अनुसार मेरिट लिस्ट बनना चाहिए पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को या तो इसकी जानकारी नहीं, या फिर संघी बुद्धि जानबूझकर इन्हें कुतर्कों का सहारा लेकर बिहार में आरक्षित वर्गों के साथ भाजपाई नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए जा रहे अन्याय को छुपाने के लिए बाध्य कर रहा है।

अतः आरक्षण विरोधी अज्ञानी संघियों से अपील है कि अपने मस्तिष्क पर ज्यादा ज़ोर ना दें और स्वस्थ रहें तथा अपने बेढब ज्ञान और आरक्षण की अधकचरा समझ से आरक्षण पर कुठाराघात करने की जुर्रत ना करें, नहीं तो वंचित उपेक्षित वर्ग बिहार में तीसरी नंबर की पार्टी के कंधे पर टिकी उनकी बची खुची उधार की राजनीति को भी ठिकाने लगा देंगे। वहीं, अब इसे लेकर जबरदस्त राजनीति शुरू हो गयी है.

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