City Post Live
NEWS 24x7

पासवान को मुसीबत बने अपने दामाद से मिली मुक्ति, महबूब अली कैसर से भी छुटकारा

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

पासवान को मुसीबत बने अपने दामाद से मिली मुक्ति, महबूब अली कैसर से भी छुटकारा

सिटी पोस्ट लाइव : एलजेपी सुप्रीमो ,केंद्रीय मंत्री रामविलास को दो बड़ी मुसीबतों से हमेशा के लिए छुटकारा मिल गया है. उनके जिस दामाद के सर पर चुनाव लड़ने का भूत सवार था, उसने उनसे (पासवान) से नाता तोड़ लिया है. गौरतलब है कि यह दामाद लम्बे समय से पासवान के लिए सरदर्द बना हुआ था. लेकिन अब उसने खुद नाता तोड़ लिया है. वह आरजेडी में शामिल हो चूका है और अपनी पत्नी को पासवान के खिलाफ मैदान में उतारने का एलान कर दिया है. जाहिर वह पासवान का तो कुछ बिगाड़ नहीं पायेगा, पासवान को भी उससे हमेशा के लिए मुक्ति मिल गई है.

पासवान की दूसरी सबसे बड़ी मुसीबत उनके खगड़िया सांसद महबूब अली कैसर बन गए थे. दरअसल, पिछली बार मोदी लहर में कैसर चुनाव तो जीत गए थे. लेकिन अब बदले समीकरण में उनका वहां से जीतना नामुमकिन था. पासवान को इसबार वह सीट मिलना संभव भी नहीं दिख रहा क्योंकि इसबार बीजेपी के पास पासवान को देने के लिए 5 से ज्यादा सीटें नहीं हैं. इसबार टिकेट नहीं मिलेगा, जानते ही महबूब अली कैसर ने फिर से वापस कांग्रेस में जाने का मन बना लिया है. जाहिर है पासवान को इस दूसरी मुसीबत से भी मुक्ति मिलनेवाली है. पासवान पहले ही दो बाहुबली नेताओं को इसबार टिकेट नहीं देने का मन बना चुके हैं. मुंगेर की सांसद वीणा देवी का टिकेट कटना तो फाइनल है ही साथ ही वैशाली सांसद रामा सिंह की जगह मुना शुक्ल को को पासवान मैदान में उतारने की तैयारी कर चुके हैं.

पासवान के एक करीबी का कहना है कि ये पांच लोग पार्टी के लिए मुसीबत बने हुए थे. खुद उनके चले जाने से पासवान का धर्म-संकट कम हो गया है. पासवान व्यवहारिक नेता हैं. संबंधों को नजर-अंदाज वो नहीं कर पाते. ऐसे में ईन ना-पसंद नेताओं के खुद पार्टी छोड़ देने से या फिर पार्टी के खिलाफ उनकी गतिविधियों की वजह से उनसे छुटकारा पाने का पासवान को बढ़िया बहाना मिल गया है.

-sponsored-

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.