City Post Live
NEWS 24x7

बिहार की राजनीतिक पार्टियां इसबार सवर्ण चेहरे के दम पर जीतने में जुटी है चुनावी रण

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. इसके साथ ही सही उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए माथा-पच्ची शुरू हो गई है. पार्टी के आलाकमान से लेकर प्रदेश दफ्तर तक मीटिंग जारी है. लेकिन इन सबके बावजूद बिहार की राजनीतिक पार्टियां सबसे ज्यादा एक चेहरे पर फोकस बनाये हुए हैं वो है, बिहार के स्वर्ण चेहरे. जिसकी बदौलत सभी पार्टियां बिहार विधानसभा चुनाव का रण जीतने में जुटे हैं.

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि NDA हो या महागठबंधन दोनों ही दलों में सवर्ण जाति के चेहरे को बड़े फैक्टर के रूप में देख रहे हैं. बात जहां महागठबंधन की करें तो पार्टी में सवर्णों का बड़ा चेहरा शिवानंद तिवारी हैं. उसके बाद जगदानंद सिंह, मनोज झा, जबकि भूमिहार वोटरों को साधने के लिए राज्यसभा सांसद बने अमरेंद्रधारी सिंह को राजद परसेंट करने वाली है. इतना ही नहीं राजपूत समाज को अपनी तरफ करने के लिए पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी को भी पार्टी में शामिल किया गया है.

वहीं NDA की बात करें तो इस चुनाव में एनडीए दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत, स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह और हरिवंश नारायण सिंह, इन तीन चेहरे हैं जिनके जरिए बिहार चुनाव में वोटों का समीकरण बनाने और बिगाड़ने की कोशिश में जुटे हैं. बता दें इन दिनों सुशांत सिंह राजपूत का मुद्दा सबसे ज्यादा गरम हैं. उनकी मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए बिहार के मुखिया नीतीश कुमार की पहल की तारीफ हर कोई कर रहा है. वहीं इस लड़ाई के नायक रहे पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को जदयू में शामिल कर नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी को और मजबूती दे दी है.

गौरतलब है कि इन तीनों चेहरे के अपमान के आरोपों को लेकर कटघरे में विपक्ष है, जिसे लेकर राजपूत समाज में विपक्ष को लेकर गुस्सा है. दरअसल राजपूतों की आबादी बिहार में करीब 6 से 8 फीसदी है. बिहार के करीब 30 से 35 विधानसभा क्षेत्र में राजपूत जाति जीत या हार में निर्णायक भूमिका निभाती रही है, यही वजह है कि सुशांत सिंह राजपूत और रघुवंश प्रसाद सिंह के मामले को लेकर जेडीयू की कोशिश है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजपूत समाज का सबसे बड़ा हितैषी साबित करने की.

- Sponsored -

-sponsored-

-sponsored-

Comments are closed.