सिटी पोस्ट लाइव: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को न्यायिक हिरासत में जमानत मिल गयी है. लेकिन, अभी भी वे जेल में ही रहेंगे. वे बाहर नहीं आ पाएंगे. दरअसल, जाप सुप्रीमो पप्पू यादव के खिलाफ पटना के गर्दनीबाग थाने में मामला दर्ज कराया गया था. उनपर बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाना का आरोप लगाया गया था. जिसको लेकर पप्पू यादव द्वारा कोर्ट में जमानत की गुहार लगायी गयी थी.
इसी मामले में पप्पू यादव को कोर्ट द्वारा जमानत मिल गयी है. लेकिन, वे अभी भी जेल में ही रहेंगे क्योंकि बता दें कि, पप्पू यादव पर 32 साल पहले के अपहरण के मामले में जेल भेजा गया है. 1989 में मधेपुरा के मुरलीगंज थाने में शैलेंद्र यादव ने पप्पू यादव पर राम कुमार यादव तथा उमाशंकर यादव के अपहरण करने का मामला दर्ज करवाया था. जिसको लेकर वे अभी भी जेल में ही रहेंगे.
वहीं, कोर्ट ने जमानत के साथ उन्हें आगे से इस तरह का काम ना करने और सरकारी नियमों का पालन करने की हिदायत भी दी है. वहीं, दूसरी तरफ बता दें कि, जाप सुप्रीमो की रिहाई के लिए जाप भूख हड़ताल पर चली गयी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि कोरोना पीड़ितों की मदद कर रहे पूर्व सांसद पप्पू यादव द्वारा बिहार सरकार की नाकामियों को उजागर किया गया था. इससे घबराकर राज्य सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, अब जाप नेता अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं.
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