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बाजार समिति के सामने पप्पू यादव ने छात्र और महिलाओं के बीच बेचा सस्ता प्याज़

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बाजार समिति के सामने पप्पू यादव ने छात्र और महिलाओं के बीच बेचा सस्ता प्याज़

सिटी पोस्ट लाइव : जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव प्‍याज की बढ़ी कीमतों को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर आक्रमक हैं। इस वजह से भाजपा कार्यालय, बिहार के उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी के घर और लोजपा कार्यालय के पास सस्‍ता प्‍याज बेचने के बाद पप्‍पू यादव ने आज बाजार समिति के गोलंबर पर छात्रों एवं महिलाओं के बीच 30 रूपए प्रति किलो प्‍याज बेचा। विभिन्न लॉजों में रहने वाले छात्रों एवं इस इलाके की महिलाओं को जैसे ही इस बात की खबर मिली कि पप्पू यादव,  बाजार समिति गोलंबर पर सस्ते दर पर प्याज बेच रहे हैं, तो कुछ ही देर में सैकड़ों की संख्या में  छात्र-छात्राओं एवं नौजवान सहित बड़ी संख्या में महिलाएं यहां पर पहुंच गई। उन्‍होंने लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर 30 रुपये प्रति किलो प्याज खरीदा। आज करीब 20 क्विंटल से ऊपर  प्याज बेचा गया।

इस दौरान पप्पू यादव ने कहा कि केंद्र सरकार  एवं राज्य सरकार  छात्र और महिलाओं को प्याज के आंसू आंसू रुला रही है, क्योंकि सबसे ज्यादा इन्हीं लोगों को प्याज के महंगे होने का एहसास हो रहा है। छात्र और महिलाओं  के प्रति राज्य एवं केंद्र सरकार का दृष्टिकोण ठीक नहीं है। सरकार इनका दर्द नहीं समझ पा रही है। एक तरफ जहां बिहार में बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर महंगाई के कारण महिलाओं को घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है। जिस तरह से मासूम बच्चों पर अत्याचार की घटनाएं हो रही है और राज्य सरकार चुप्पी साधे हुए हैं। उससे ऐसा लगता है कि राज्य में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है और सरकार का इकबाल पूरी तरह से समाप्त हो गया है। आखिर क्या कारण है कि जब से भाजपा आई है ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नाम पर बेटियों पर ही सबसे ज्यादा जुल्म हो रहा है। उन्हें हर तरह के संकट का सामना  करना पड़ रहा है। उन्होंने ने कहा कि हम सभी जगहों पर प्याज दे रहे हैं। शादियों में भी प्याज दिया जा रहा है।

पप्पू यादव ने प्याज पर सब्सिडी की भी बात कह डाली और कहा कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर कोई उपाय  करे,जिससे दाम मे कमी हो । केंद्र सरकार जमाखोरों एवं प्याज माफियाओं के इशारे पर काम कर रही है जिस कारण हर दिन  प्याज का रेट बढ़ ही रहा है, जबकि नए प्याज की आवक शुरू हो गई है। उसके बाद भी सरकार निर्यात की बात कर रही है, यह बात समझ से परे है। उन्‍होंने नीतीश सरकार से पूछा कि सितंबर अक्टूबर में जब प्याज केंद्र सरकार की ओर से दिया जा रहा था तो उन्होंने लेने से इनकार क्यों किया। और वही प्याज जब व्यापारी के पास पहुंचता है तो उसका दाम सोने जैसा हो जाता है, क्या प्याज भी अब सोने की तरह ग्राम में बिकना शुरू होगा यह सरकार को स्पष्ट करनी चाहिए।

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