पलामू लोक सभा चुनाव में अतिसंवेदनशील बूथ प्रशासन के लिए होंगे अग्निपरीक्षा
सिटी पोस्ट लाइव, मेदिनीनगर: पलामू लोक सभा चुनाव में अतिसंवेदनशील बूथ प्रशासन के लिए अग्नि परीक्षा के समान होगी। होने वाले पलामू संसदीय क्षेत्र में चुनाव को लेकर सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ा दी गई है। पलामू संसदीय क्षेत्र अंतर्गत डालटेनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा व भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र को मिला कर कितने बूथ संवेदनशील होंगे, अभी यह मीडिया के सामने खुलासा तो नहीं किया गया है लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर चिन्हित करने की कार्यवाही चल रही है। वर्ष 2006 के पलामू लोकसभा के उप चुनाव में लगभग 602 बूथ अतिसंवेदनशील घोषित किये गए थे। जिसमें सर्वाधिक बूथों की संख्या बिश्रामपुर विधानसभा में थी। पलामू संसदीय क्षेत्र में पहले की अपेक्षा इस बार मतददाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है। पलामू ज़िले की कुल आबादी 1939869 है जिसमें पुरुष 1006302 व महिला 933567 है। जबकि गढ़वा ज़िले की कुल आबादी 1322784 है जिसमें पुरुष 683575 व महिला 639209 है। पिछले सम्पन्न हुए चुनाव के अवलोकन उपरांत दुर्भाग्य रहा है कि चाहे लोकसभा का या विधानसभा का चुनाव हो दोनों चुनाव में महिला मतदाताओं द्वारा वोटिंग का अनुपात काफी कम हुआ है। वहीं शहरी क्षेत्र की महिला मतदाताओं द्वारा भी बूथों में जाकर वोट देने का प्रयास काफी कम रहता है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्ती महिलाओं को बूथों तक ले जाया जाता है। पलामू में जो वोटिंग का प्रतिशत रहा है वह काफी ही रहा है। चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद से गली, मोहल्लों, चौक व चौराहों पर खूब चर्चा होती है लेकिन मतदान का दिन जब आता है तो लोगों में अचानक उदासी नजर आने लगती है। इसी उदासीनता में आकर लोग मतदान में हिस्सा नहीं लेते। दूसरी ओर, नक्सली संगठनों द्वारा भी अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में मतदान का बहिष्कार करने की घोषणा कर देते हैं। इसका असर भी पड़ जाता है। लेकिन इस बार 29 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव में जिला प्रशासन द्वारा लोगों को मतदान करने के प्रति जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर वोटरों को जगाने के साथ उनके मन में भय का वातावरण को हटाने का प्रयास किया गया है। इस बार भी पलामू में हेलीकॉप्टर से चुनाव के दिन ऑपरेशन होगा या नहीं यह स्पष्ट अभी नहीं हुआ है। वाबजूद पिछला रिकॉर्ड देख कर हेलीकॉप्टर जा भी प्रयोग किया ही जायेगा। इस बार देखना यह दिलचस्प होगा कि क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत बढ़ता है या घटता है।
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