एक क्या सौ राहुल गांधी भी भाजपा का कुछ नहीं बिगाड़ सकते : प्रतुल षाहदेव
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा की देश मे भाजपा के समर्थन को देख के विपक्ष के नेताओं के बोल बिगड़ गए हैं। वे गाली गलौज से लेकर राष्ट्र विरोधी बातें करने लगे है।प्रतुल ने कहा दुमका के पथरिया गांव में हेमंत सोरेन ने आदिवासियों को सरकार के खिलाफ हथियार उठाने का आह्वान किया। उन्होंने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हेमन्त इस तरह का वक्तव्य देखकर माहौल को विषाक्त करने के प्रयास में लगे है।जब पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट उस समय इस तरह की की बात करके हेमंत सोरेन अपना और अपने दल की असलियत दिखा रहे हैं।श्री देव ने आरोप लगाया कि संथाल परगना में अपने सफाए को देखते हुए हेमंत बदहवास हो कर घटिया बयान बाजी के स्तर पर उतर आये है। प्रतुल ने बाबूलाल के द्वारा 2 दिन पूर्व किये गए प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए कहा कि बाबूलाल ने न सिर्फ संविधान की दसवीं अनुसूची को जलाने की बात कहीं बल्कि गाली गलौज पर भी उतर गए।उन्होंने कहा कि यह पूरा वाकया अत्यंत ही शर्मनाक है।अगर बाबूलाल स्पीकर के ट्रिब्यूनल के फैसले से असंतुष्ट हैं तो उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करनी चाहिए।लेकिन गाली गलौज और संविधान विरोधी बातें नहीं करनी चाहिए थी ।पूर्व मुख्यमंत्री रहे व्यक्ति के मुंह से ऐसी बातें अकल्पनीय है । प्रतुल ने कहा कि राहुल गांधी की रैली हुई नहीं है और कांग्रेसी अनाप-शनाप बोलने लगे हैं ।कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी आएंगे और भाजपा साफ हो जाएगी और भाजपा को करंट लगेगा।प्रतुल ने कहा कि डॉ अजय को समझना चाहिए कि राहुल गांधी वह बिजली के तार है जिसमें करंट प्रवाहित ही नहीं होता है।भाजपा को एक राहुल गांधी क्या एक सौ राहुल गांधी के आने से भी कोई अंतर नहीं है। झारखंड में पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपने कोटे की सभी 9 सीट हार गई थी।इसलिए इन्हें बड़ी बड़ी बातें करना शोभा नहीं देता । शाहदेव ने कहा की दलों में राजनीतिक विरोध हो सकता है। लेकिन जिस तरीके से विपक्ष के नेताओं ने हाल के दिन में निम्न स्तर की बयानबाजी की है इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री शिवपूजन पाठक और प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री संजय जयसवाल भी उपस्थित थे।
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