सिटी पोस्ट लाइव, दुमका: एनआरएचएम एएनएम व जीएनएम अनुबंध कर्मचारी के जिलाध्यक्ष सह राज्य संयुक्त सचिव विनीता कुमारी.ने सोमवार को कहा कि करीब 13 व अन्य कई वर्षों से राज्य के अंतिम लोगों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचा रहे हैं। लेकिन अभी तक हमलोगों का नियमितीकरण नहीं किया गया है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि आए दिन एएनएम डयूटी के दौरान काल की गाल में समां रही है। अभी ही हाल में 15 दिनों के अंदर तीन पारा मेडिकल कर्मियों एवं अभी तक सैकड़ों कर्मियो की मौत डयूटी के दौरान हो चुकी है। सरकार इलाज़ का खर्च दे रही है नहीं मुआवजा। यहां तक की पीएम गरीब कल्याण पैकेज का बीमा का भी नहीं मिल रहा है। एनएचएम के तहत अनुबंध पर बहाल एएनएम की राज्य सरकार द्वारा लगातार उपेक्षा के खिलाफ सरकार पर संवेदनहीनता एवं कोरोना वॉरियर्स की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। राज्य भर के एएनएम कर्मियों में सरकार के खिलाफ गहरी नाराज़गी है।
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विनीता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। कहा कि मुख्यमंत्री पारा मेडिकल कर्मियो से मिलना नहीं चाहतें है। चुकी वे कोरोना वॉरियर्स हैं और उनसे कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है। विदित हो कि राज्य में अनुबंध पर कार्यरत दो एएनएम कर्मियों का ऑन ड्यूटी निधन हो गया है। लेकिन सरकार की ओर से कोरोना वॉरियर्स के लिए किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया और नहीं बीमा के फॉर्म भरवाया गया हैं। इस मामले में सरकार पर उपेक्षा एवं अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से अविलंब इस मामले को संज्ञान में लेकर मृत अनुबंध कर्मियों को सम्मानजनक मुआवजा देने का आग्रह किया है। आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। अनुबंध कर्मियों की मृत्यु कोरोना संक्रमण के प्रसार रोकने के दौरान ऑन ड्यूटी हुई है। कहा कि एएनएम अनुबंध कर्मियों की मांग जायज है। यदि सरकार हमारी मागों को जल्द नहीं मानी तो शीध्र ही कोई बड़ा निर्णनायक आंदोलन किया जाएगा।
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