सिटी पोस्ट लाइव : लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के सुप्रीमो चिराग पासवान अब दिल्ली से ज्यादा बिहार में समय देगें.अपने चाचा पशुपति पारस से धोखा खाने के बाद उन्होंने अपना ज्यादा समय अब बिहार में देने का फैसला लिया है.अब अभी किसी दल के साथ नहीं जानेवाले. वो अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए अपनी इमेज बदलने में जुटे हैं. पार्टी को मजबूत करने के बाद ही वो कोई बड़ा राजनीतिक फैसला लेगें क्योंकि उन्हें पता है कि अभी वो बार्गेन करने की स्थिति में नहीं हैं.
LJP के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के अनुसार चिराग पासवान बिहार से ही अब काम करेंगे. पटना में रहकर अपना पैर जमाएंगे. जिस तरह से वो पहले दिल्ली से बिहार आते थे, अब जरुरी काम होने पर पटना से दिल्ली जायेगें.पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान ने जिस तरह से कमबैक किया, उस हिसाब से कहा जा रहा है कि उनकी राजनीतिक पारी की यह नई शुरुआत है, लेकिन अभी उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी. आशीर्वाद यात्रा से कुछ हद तक इनकी इमेज भी बदली है. चिराग के समर्थकों के अनुसार आशीर्वाद यात्रा की जब से शुरुआत हुई है तब से राज्य के युवाओं में जोश है. बिहार के युवा उनसे काफी अट्रैक्ट हो रहे हैं. हर यात्रा में खुद का रिकॉर्ड टूट रहा है. जनसमर्थन बढ़ता जा रहा है.
खुद की बढ़ती लोकप्रियता को देख चिराग पासवान का भी मन बिहारी रंग में रंगने लगा है. चिराग पासवान को लगता है कि वो बिहार में ज्यादा समय देकर इस चुनौती को बड़े अवसर के रूप में बदल सकते हैं. इसलिए आगे की राजनीतिक लड़ाई बिहार में रहकर ही लड़ने की तैयारी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने की सारी प्लानिंग पटना में रहकर ही बनेगी. चिराग पासवान के राजनीति में आने से लेकर पिछले साल खत्म हुए बिहार विधानसभा चुनाव तक में उनके विरोधी यही कहते रहे कि वो एक हवा हवाई नेता हैं. राजनीति तो बिहार की करते हैं, लेकिन रहते वो दिल्ली में हैं.अब चिराग इस तरह की शिकायत का मौका देने के मूड में नहीं हैं.वो बिहार में ही खूंटा गाड़नेवाले हैं.
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