सिटी पोस्ट लाइव : चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच बहुत दिनों तक टॉकिंग टर्म नहीं रहने को लेकर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने सफाई देते हुए कहा कि बहुत लोग कहते हैं कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और चिराग (Chirag Paswan) की बातचीत नहीं होती है. लेकिन सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) मसले पर ज़रूरत पड़ी तो एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा और फोन भी किया. रामविलास पासवान ने कहा कि अच्छी बात ये कि जिस दिन फोन पर बात हुई उसी दिन सीबीआई जांच के आदेश भी दे दिए गए.
रामविलास पासवान ने कहा कि चिराग पासवान को उन्होंने पार्टी के मसलों पर फैसले लेने के लिए छोड़ दिया है. और किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करते हैं. लेकिन चिराग खुद कई बार उनसे सुझाव मांग लेते हैं. दरअसल सुशांत सिंह राजपूत के मसले पर एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दो बार पत्र लिखा. पहली बार 18 जून को सुशांत मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी तो दूसरी बार 3 अगस्त को लिखे पत्र में सीबीआई जांच की मांग की. 4 अगस्त को चिराग पासवान की नीतीश कुमार से बातचीत हुई. और इसी दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुशांत मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. जिसे बाद में केंद्र ने स्वीकार कर लिया.
हालांकि जेडीयू और एलजेपी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के हिस्से हैं. लेकिन हाल के महीनों में एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान नीतीश सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते रहे हैं. जेडीयू नेताओं ने भी कई बार पलटवार किया है. बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान के बिहार सरकार पर सवाल उठाने से ये भी कयास लगाए जाते रहे हैं कि चुनाव से पहले क्या जेडीयू और एलजेपी एक गठबंधन का हिस्सा रहेंगे भी या नहीं. इन तमाम सवालों के बीच बहुत लोगों का मानना था कि नीतीश कुमार और चिराग पासवान की बहुत दिनों से बातचीत नहीं है, जैसा कि रामविलास पासवान ने भी कहा. लेकिन सुशांत के मसले पर नीतीश कुमार से चिराग पासवान की बातचीत हुई. इससे कहीं न कहीं उस कयास पर ब्रेक लगा है, जिसमें बिहार चुनाव से पहले एलजेपी का कोई नया रास्ता अख़्तियार करने की बात होती रही है.
Comments are closed.