मेडिकल काॅलेज को लेकर गरमायी सियासत, अपनी हीं सरकार के विरोध में खड़े हुए नीतीश के मंत्री
सिटी पोस्ट लाइवः समस्तीपुर में खुलने वाले मेडिकल काॅलेज को लेकर बिहार की राजनीति का पारा चढ़ गया है। इस मामले पर पहले हीं सियासत गर्म है क्योंकि आरजेडी के स्थानीय विधायक और पार्टी के प्रवक्ता अख्तरूल इस्लाम साहिन ने भी मोर्चा खोल रखा है। अब सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी भी अपनी हीं सरकार के विरोध में खड़े हो गये हैं। श्री राम जानकी मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास आज ही यानी बुधवार को होना है लेकिन इसको लेकर राजनीति जारी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानन्द राय, उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे सहित कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति में आज श्री राम जानकी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की आधारशिला रखी जाएगी.
इसको लेकर सरायरंजन के नरघोघि में बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है.प्रशासन की तरफ से शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है. मेडिकल कॉलेज के निर्माण को लेकर आज नीतीश कुमार समस्तीपुर जा रहे हैं लेकिन उसके पहले ही जेडीयू नेता और मंत्री महेश्वर हजारी ने इशारों इशारों में बड़ा आरोप लगा दिया. हजारी ने आरोप लगाया कि किसी बड़े नेता के दबाव में समस्तीपुर मुख्यालय से दूर और डब्प् रूल के खिलाफ जाकर अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा है. हजारी ने इस फैसले को विरोध करते हुए कहा कि ये ठीक नहीं है.
मंत्री की नाराजगी की अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि समस्तीपुर निवासी रहने बावजूद वो वहां नहीं जा रहे हैं. हालांकि हजारी ने कहा कि मुझे कहीं दूसरी जगह कार्यक्रम में जाना है इस वजह से मैं नही जा रहा. इस मामले में राजद नेताओं का भी विरोध जारी है. मंत्री ने विरोध करने वाले लोगों का सपोर्ट करते हुए कहा कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उनका विरोध जायज है.
श्री राम जानकी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल के समस्तीपुर विधायक और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अख्तरुल इस्लाम साहिन ने भी मोर्चा खोल दिया है. इसके साथ ही उन्होंने आंदोलन की घोषणा की है. राजद नेता अख्तरुल इस्लाम साहिन ने कहा कि दरभंगा में पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा समस्तीपुर जिला मुख्यालय स्थित हाउसिंग बोर्ड मैदान में ही मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का आश्वासन दिया गया था लेकिन कुछ राजनीतिक दलों और के विशेष नेताओं के दवाव में उसे सरायरंजन ले जाया गया है, जो कहीं से भी उचित नहीं है.
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