City Post Live
NEWS 24x7

नीतीश कुमार और पासवान की गोलबंदी से बढी बीजेपी की चुनौती

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव: केंद्र सरकार की मुश्किलें उसके सहयोगी दलों ने बढ़ा दी है.जनता दल (यूनाईटेड) ने भी दलित एक्ट के कड़े प्रावधानों को अध्यादेश के जरिये बहाल करने की एलजेपी  की मांग का समर्थन कर दिया है.इतना ही नहीं बल्कि जेडीयू ने भी एलजेपी की तर्ज पर इस मामले पर फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके गोयल को रिटायरमेंट के 48 घंटों के अंदर उन्हें नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल का चेयरमैन बनाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठा दिया है.

गौरतलब है कि शुक्रवार को एलजेपी के सुप्रीमो व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और उनके सांसद बेटे चिराग पासवान ने  मोदी सरकार को 9 अगस्त से पहले एके गोयल को एनजीटी के चेयरमैन पद से हटाने और एससी-एसटी एक्ट पर अध्ययादेश लाने का अल्टीमेटम दिया था. जस्टिस एके गोयल सुप्रीम कोर्ट के उस बेंच में शामिल थे, जिसने 20 मार्च को दलित उत्पीड़न कानून के गैर जमानती प्रावधान को खत्म कर देने का फैसला दिया था.

दलित वोट बैंक के मद्देनजर एनडीए के भीतर गैर भाजपाई दलों की  इस मसले पर हो रही गोलबंदी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने शनिवार को कहा कि जब वीपी सिंह की अगुआई में लालू जी, शरद जी, रामविलास जी सब साथ थे, तब दलित हितों की रक्षा के लिए ये कानून बना था. इसलिए आज अगर कोई भी इसमें छेड़छाड़ करता है, तो इसका विरोध होना स्वाभाविक है.

त्यागी ने अगले 9 अगस्त को दलित संगठनों के देशव्यापी आंदोलन में एलजेपी  के शामिल होने के फैसले को भी जायज ठहराया है. उन्होंने बीजेपी के दलित वोट बैंक खिसकने की चेतावनी देते हुए कहा कि जब 2019 में दलित वोट ही नहीं करेगा, तो एनडीए कहां बैठेगा ? जाहिर है एनडीए में घमशान थमा नहीं है बल्कि उसके और तेज होने जाने की संभावना बड़ी है.पासवान और नीतीश कुमार की गोलबंदी से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है.

- Sponsored -

-sponsored-

-sponsored-

Comments are closed.