सिटी पोस्ट लाइव : पुलिस, सामाजिक कुरीतियां मिटाने में भी भूमिका निभाए. प्रेरक बात करने में सक्षम पुलिसकर्मी को ऑफ ड्यूटी दी जाए. ऐसे पुलिसकर्मी पुरस्कृत किए जाएंगे. शराबबंदी से कोई समझौता नहीं होगा. शराबबंदी को और मजबूती से लागू करने के लिए कानून में संशोधन हो रहा है. नीतीश, शुक्रवार को बिहार स्वाभिमान पुलिस बटालियन के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं.उन्होंने बिहार पुलिस के अतीत की बेबसी की याद दिलाते हुए वर्तमान पुलिस की बदली तस्वीर और भविष्य की और महिला सशक्तीकरण के साथ पुलिस में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि झारखंड बंटवारे के बाद बिहार में एसटी की आबादी कम है. इस वर्ग की महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए ही स्वाभिमान बटालियन बना है. 222 महिलाओं की ट्रेनिंग चल रही है. सीएम ने उम्मीद जताई कि अगले एक-दो वर्षों में बटालियन के लिए निर्धारित बल पूरे हो जाएंगे. देश के किसी राज्य में पहली बार सिर्फ एसटी महिलाओं का बटालियन बना है.
सीएम ने कहा कि अब बाहरी आदमी यहां के थानों का भवन देख दंग रह जाता है. गांधी मैदान थाना देश का पहला थाना है, जहां लिफ्ट है. शुरू से ही पुलिस संसाधन, ट्रेनिंग व अन्य पहलुओं को दुरुस्त करने के साथ स्पीडी ट्रायल समेत कई कदम उठाए गए. इससे कानून का राज आया. पुलिस पर बड़ी जिम्मेवारी है. महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति से पहले बुनियादी संसाधन जुटाए गए. थाना स्तर पर 600 से अधिक शौचालय तीन महीने में बनवाए गए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पुलिस वर्दी, हथियार से थानों तक की स्थिति ठीक नहीं थी. सबसे पहले पोशाक के लिए राशि दिलवाई. बल की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया. अब नियमित बहाली हो रही है. थानों की हालत में सुधार लाया और उन्हें आधुनिक हथियार व नए वाहन उपलब्ध कराए गए. महिला सशस्त्र बटालियन, आईआर बटालियन, भागलपुर व मुजफ्फरपुर में एफएसएल, साइबर सेल, ईओयू, एसडीआरएफ से लेकर स्वाभिमान बटालियन तक गठित किए गए. सबसे पहले पुलिस में महिलाओं के लिए 3 फीसदी से बढाकर 35% आरक्षण किया गया . 2006 में पुलिस में महिलाओं की भागीदारी महज 1.23% थी जो अब बढकर जुलाई 2018 में 15.62% तक पहुंच चुकी है. कुल 87669 पुलिसकर्मियों में महिलाओं की संख्या 13701 है. एसटी महिलाओं के लिए स्वाभिमान वाहिनी बनाने से काफी पहले महिला सशस्त्र पुलिस बटालियन बन चुकी है.
उन्होंने कहा कि थानों के इर्द-गिर्द रहने वाले बच्चों को पढ़ाने का असर दिखा. पुलिस का सामाजिक चेहरा सामने आया और आदर भाव बढ़ा.मुख्यमंत्री ने सीनियर अफसरों से आग्रह किया कि वे शिक्षा विभाग की तरह कैंपेन चलाएं. अगले 5 वर्षों में लक्ष्य पा लेंगे, यह भरोसा है. शराब के मामलों में गिरफ्तारी के साथ शराबबंदी के लिए प्रेरित भी करना है. लोगों को सचेत करना चाहिए. डीजीपी व बीएमपी के डीजी की ओर मुखातिब होते हुए सीएम ने कहा कि अफसरों के साथ खुलकर चर्चा करें. प्रेरक बात करने में सक्षम लोगों को ऑफ ड्यूटी में लगाएं.
सीएम ने कहा कि शराबबंदी को और कारगर करने के लिए एडीजी सह आईजी (मद्य निषेध) का पद गठित कर तंत्र विकसित किया गया है. हर गांव में पोल पर टेलीफोन-मोबाइल नंबर लगे हैं, ताकि लोग अवैध शराब की जानकारी दें. सूचना देने वालों का नाम गुप्त रहेगा. समारोह में गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी केएस द्विवेदी, बीएमपी के डीजी गुप्तेश्वर पांडेय, होमगार्ड व फॉयर सर्विस के डीजी रवींद्र कुमार आदि मौजूद थे.
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